नई दिल्ली| दिवंगत अरुण जेटली जब दिल्ली एंव जिला क्रिकेट संघ (डीडीसीए) के अध्यक्ष थे तब भारत के पूर्व खिलाड़ी कीर्ति आजाद ने संघ को भ्रष्टाचार मुक्त बनाए रखने का मुद्दा उठाया था और इसके लिए अभियान चलाया था। पिछले महीने जब अरुण जेटली के बेटे रोहन जेटली ने डीडीसीए अध्यक्ष पद को संभाला तो आजाद ने उन्हें शुभकामनाएं भेजी और अब आजाद ने डीडीसीए के चयनकर्ता पद के लिए आवेदन डाला है। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
आजाद ने आईएएनएस से बात करते हुए कहा कि उन्होंने चयनकर्ता पद के लिए आवेदन करने से पहले रोहन जेटली से बात नहीं की, लेकिन अध्यक्ष बनने के बाद उन्हें शुभकामना संदेश जरूर भेजा था।
आजाद ने आईएएनएस से कहा, "नहीं, मैंने उनसे बात नहीं की, लेकिन जब वह डीडीसीए अध्यक्ष बने थे तब मैंने उन्हें मैसेज जरूर भेजा था। मैंने उन्हें शुभकामनाएं दी और मैंने सुना है कि उनके पास नए विचार हैं और वह अकादमियां शुरू करना चाहते हैं। इसलिए मुझे लगा कि जब कोई युवा कुछ करना चाहता है तो इस तरह के लोगों की मदद क्यों न की जाए।"
आजाद ने कहा कि दिवंगत अरुण जेटली के समय डीडीसीए में व्याप्त भ्रष्टाचार का मुद्दा उठाना दूसरी बार चयनतकर्ता पद के लिए आवेदन करने से बिल्कुल अलग है। आजाद चार साल तक दिल्ली के चयनकर्ता पहले भी रह चुके हैं।
पूर्व सांसद ने कहा, "वो एक अलग चीज थी। जब आपके पास 10 लोग होते हैं तो आप मुद्दों पर चर्चा करते हो। लेकिन वो मुद्दे क्रिकेट खेलने से बिल्कुल अलग होते हैं। अब जब एक अच्छे इंसान इस दुनिया को छोड़कर चले गए हैं तो मैं गड़े मुर्दे नहीं उखाड़ना चाहता। उनकी आत्मा को शांति मिले, और जो बीत गया सो बीत गया।"
भारत और दिल्ली के पूर्व कप्तान बिशन सिंह बेदी से चर्चा करने के बाद आवेदन करने वाले आजाद ने कहा कि वह चयन प्रक्रिया से गुजरने को तैयार हैं। उन्होंने कहा, "हां, हां.. जाहिर है.. मैं प्रक्रिया से गुजरूंगा। क्यों नहीं? हम सभी को यह करना होगा।"
भारत की 1983 विश्व कप जीत का हिस्सा रहे आजाद ने भारत के लिए 25 वनडे और सात टेस्ट मैच खेले हैं। उन्होंने 1993-94 में घरेलू सत्र के बाद संन्यास ले लिया था।
डीडीसीए की अतुल वासन, रोबिन सिंह जूनियर और परविंदर अवाना की तीन सदस्यीय क्रिकेट सलाहकार समिति (सीएसी) उम्मीदवारों के इंटरव्यू लेगी।
अतुल वासन ने आजाद की कप्तानी में ही दिल्ली के लिए प्रथम श्रेणी में पदार्पण किया था।
आजाद का कहना है कि अगर वह चुने जाते हैं तो वह दिल्ली को घरेलू क्रिकेट में पुरानी साख वापस दिलाने की कोशिश करेंगे।
उन्होंने कहा, "समय आने दीजिए फिर हम इस पर बात करेंगे। लेकिन बुनियादी तौर पर मेरी कोशिश दिल्ली की पुरानी साख वापस दिलाने की होगी। इसमें दो-तीन साल लगेंगे। अगर हम अपना काम अच्छे से करते हैं तो हम पुराने दिन वापस ला सकते हैं क्योंकि दिल्ली में प्रतिभा की कमी नहीं है।"
दिल्ली ने 1976-77 से लेकर 1991-92 में 12 बार रणजी ट्रॉफी के फाइनल में जगह बनाई थी और छह बार खिताब जीता भी था। 1991-92 में जब दिल्ली ने अपना छठा रणजी ट्रॉफी खिताब जीता तब आजाद टीम के कप्तान थे।
चयनकर्ता का काम दबाव लेकर आता है और आजाद जब 2002 से 2004 तक राष्ट्रीय चयनकर्ता थे तब वह यह दबाव झेल चुके हैं।
उन्होंने कहा, "जब तक आप अपने काम को लेकर गंभीर हो तो दबाव का सवाल नहीं है।"
--आईएएनएस
IPL 2024 : क्या आज हाथ मिलाएंगे गंभीर और कोहली, जब पहले मिले थे तो...सोशल मीडिया में भी ट्रेंड कर रहे हैं दोनों
अंडर-13 आईलीग : मिनर्वा एकेडमी ने सुदेवा दिल्ली को 6-4 से हराकर शीर्ष पर बनाई जगह
पाकिस्तान मई में टी2O श्रृंखला के लिए 2018 के बाद पहली बार आयरलैंड का दौरा करेगा
Daily Horoscope