बनारस के जिलाधिकारी योगेश्वर राम
मिश्रा भी कहते है कि उनके पास सीएम अखिलेश के आने का कोई प्रोटोकॉल नहीं
आया था। इसलिये इस कार्यक्रम के होने की उन्हें कोई जानकारी नहीं थी।
बता दें,सपा-कांग्रेस गठबंधन के बाद बनारस में इस साझा रैली के साथ दोनों
ही पार्टियां एक बडा संदेश देना चाहती हैं।
यह रोड शो इसलिए भी अहम है
क्योंकि बनारस पीएम मोदी का गढ माना जाता है। ऎसे में सपा-कांग्रेस चाहती
है कि राहुल और अखिलेश यहां से अकेले की जगह साझा रैली ही करें। ऎसे में इस
वक्त अखिलेश के बनारस न आ पाने कि स्थिति में कांग्रेस ने रविदास जयंती की
आड लेते हुए कह दिया कि भीड की वजह से रोड शो को रद्द कर दिया गया है।
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