बनारस। आगामी11 फरवरी को बनारस में राहुल गांधी और अखिलेश यादव के रोड शो
की खबर कई दिनों से आ रही थी। इसके लिये कांग्रेस पार्टी के लोग तैयारी में
भी जुटे थे। रूट भी तय कर लिया गया था और एसपीजी के लोगों की भी शहर में
आने की खबर स्थानीय अखबार में प्रमुखता से छप रही थी।
लेकिन गुरूवार की देर रात जब इस रोड शो के नहीं होने की खबर आई तो यह बात
चर्चा का विषय बन गई। कांग्रेस के लोगों ने बताया कि चूंकि बुद्ध पूर्णिमा
के दिन संत रविदास की जयंती होती है और बडी संख्या में उनके अनुयायी यहां
आते हैं, लिहाजा उस भीड को देखते हुए इस रोड शो को कैंसल किया गया है।
याद रहे, 11 तारीख को ही पहले चरण का मतदान है।
सूत्रों के मुताबिक जिस तरह
लोकसभा चुनाव में पहले चरण के मतदान के दिन मोदी का रोड शो बनारस में हुआ
था और उसका असर भी दिखाई प़डा था। ठीक उसी तर्ज पर इस रोड शो को प्रशांत
किशोर ने तय किया था लेकिन अखिलेश के 11 तारीख के लिए पहले से ही कार्यक्रम
तय थे। इसलिये दोनों का संयुक्त रूप से कार्यक्रम नहीं बन पा रहा था। इसी
वजह से 3 दिन से एसपीजी बनारस की तैयारी देख रही थी, इसके बावजूद भी
आधिकारिक कार्यक्रम नहीं बन पाया था।
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बनारस के जिलाधिकारी योगेश्वर राम
मिश्रा भी कहते है कि उनके पास सीएम अखिलेश के आने का कोई प्रोटोकॉल नहीं
आया था। इसलिये इस कार्यक्रम के होने की उन्हें कोई जानकारी नहीं थी।
बता दें,सपा-कांग्रेस गठबंधन के बाद बनारस में इस साझा रैली के साथ दोनों
ही पार्टियां एक बडा संदेश देना चाहती हैं।
यह रोड शो इसलिए भी अहम है
क्योंकि बनारस पीएम मोदी का गढ माना जाता है। ऎसे में सपा-कांग्रेस चाहती
है कि राहुल और अखिलेश यहां से अकेले की जगह साझा रैली ही करें। ऎसे में इस
वक्त अखिलेश के बनारस न आ पाने कि स्थिति में कांग्रेस ने रविदास जयंती की
आड लेते हुए कह दिया कि भीड की वजह से रोड शो को रद्द कर दिया गया है।
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कांग्रेस के लोग कहते हैं कि अब यह रोड शो 16 तारीख के नामांकन की अंतिम तारीख के बाद किसी भी दिन किया जा सकता है। वैसे बनारस में पीएम मोदी की रैली 3 मार्च को पहले से प्रस्तावित है। बनारस और उसके आसपास के जिले में चुनाव अंतिम चरण में 8 तारीख को होना है।
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