नेरचौक(कपिल सेन)। जिला के सभी देवात देवी देवता शिवरात्रि महोत्सव के लिए अपने-अपने स्थानों से चल पड़े हैं। वही सराज घाटी के आराध्य देव मार्कंडेय ऋषि व देव घटोत्कच भी मंडी के अंतरराष्ट्रीय शिवरात्रि मेले में शामिल होने के लिए पहुंचे गए हैं। दोनों देवता अपने लाव-लश्कर सहित बुधवार को जिला मंडी की बल्ह घाटी में पहुंच गएए जहां से अब देवता बल्ह, नाचन व सुंदर नगर तीनों विधानसभा क्षेत्रों में 23 तक प्रवास पर रहेंगे। इस दौरान वे श्रद्धालुओं के घरों में अपना आशीर्वाद देते हैं व धाम ग्रहण करते हैं। [@ ये बच्चे बंद आंखों से पढते हैं,सूंघकर बताते हैं रंग] [@ अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे]
प्रदेश के लोग जहां देवी-देवताओं में आस्था रखते हैं वहीं उनके विधिपूर्वक पूजन अपने-अपने घरों में भी करवाते हैं और देवालुओं को धाम के रूप में प्रसाद भी खिलाते हैं। बता दें कि सराज घाटी के दोनों देवताओं में लोगों की भारी आस्था है। मान्यता है कि जिन लोगों के घरों में बच्चे नहीं होते। उनके यहां भी देवता के पूजन व आशीर्वाद से बच्चों की प्राप्ति हो जाती है। यह देवता नशीले पदार्थों के सेवन से खासा परहेज करते हैं। देवता अपने प्रवास के बाद 24 फरवरी को ऐतिहासिक मैदान पड्डल में अंतरराष्ट्रीय शिवरात्रि महोत्सव में शामिल होंगे और जिला मंडी के आराध्य देव कमरूनाग के समक्ष हाजिरी भरेंगे। सात दिवसीय शिवरात्रि महोत्सव में हजारों श्रद्धालु देवताओं के दर्शन के लिए दूर-दूर से पहुंचते हैं।
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