वॉशिंगटन। भारत और चीन के बीच डोकलाम को लेकर जारी गतिरोध खत्म होने के बाद अब विशेषज्ञों की दिलचस्प राय सामने आ रही है। डोकलाम विवाद को लेकर अमेरिका ने अप्रत्यक्ष तौर पर भारत के रुख का समर्थन किया, लेकिन अब एक अमेरिकी विशेषज्ञ ने कहा कि इस विवाद ने ट्रंप प्रशासन को काफी असहज स्थिति में डाल दिया है और वह इसमें खुद को उलझाना नहीं चाहता। खास तौर पर ऐसे समय में जब वह उत्तर कोरिया से निपटने के लिए चीन की मदद मांग रहा है। गौरतलब है कि भारत और चीन ने डोकलाम से अपने सैनिक वापस बुलाकर 73 दिन से चल रहे गतिरोध को खत्म किया है। यह फैसला प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ब्रिक्स सम्मेलन में भाग लेने चीन जाने से कुछ दिन पहले हुआ।
द हेरिटेज फाउंडेशन में दक्षिण एशिया के रिसर्च फेलो जेफ स्मिथ ने कहा कि डोकलाम संकट से ट्रंप प्रशासन असहज स्थिति में पड़ गया। उन्होंने कहा, यह ऐसा विवाद नहीं है जिसमें वे उलझने के लिए इच्छुक हों, खासकर ऐसे समय जब वे उत्तर कोरिया में बढ़ती समस्या से निपट रहे हैं और इस मामले में चीन की मदद मांग रहे हैं। गतिरोध के दौरान अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता हीथर नौअर्ट ने कहा था कि अमेरिका स्थिति पर करीबी रूप से नजर रखे हुए है और वह दोनों पक्षों को एकसाथ बैठने और इसके बारे में बात करने के लिए प्रोत्साहित करता है। स्मिथ ने कहा कि अगर विवाद पर ट्रंप प्रशासन की टिप्पणियों के निहितार्थ निकाले जाएं, तो जापान की तरह वह भी भारत की स्थिति का समर्थक है।
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