नयी दिल्ली। दिल्ली हाईकोर्ट ने राजधानी के एक बडे, निजी, सर गंगाराम
अस्पताल से कहा कि वह बकाया बिल वसूलने के लिए रोगियों को बंधक बना कर
नहीं रख सकता। रोगी के बेटे की एक याचिका पर यह आदेश आया है।
बिल के बकाया रहने को लेकर एक रोगी को कथित तौर पर बंधक बना कर रखने के
तरीके की निंदा करते हुए जस्टिस विपिन सांघी और जस्टिस दीपा शर्मा की पीठ
ने कहा कि यदि बिलों का भुगतान नहीं किया जाता है, तो रोगी को अस्पताल से
छुट्टी दे दी जाए। आप रोगी को बंधक बना कर नहीं रख सकते। यह काम करने का
तरीका नहीं हो सकता।
अदालत ने सर गंगाराम अस्पताल से कहा,यहां तक कि यदि रकम बकाया हो, तो भी
बकाया बिल वसूलने के लिए रोगियों को बंधक नहीं बनाया जा सकता। हम इस चलन की
निंदा करते हैं। इसने अस्पताल को रोगी की अस्पताल से छुट्टी के कागजात
बनाने और उसके बेटे एवं याचिकाकर्ता को अस्पताल से अपने पिता को फौरन ले
जाने का निर्देश दिया।
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