मेष संक्रांति - सोमवार, 14 अप्रैल 2025
मेष संक्रांति पुण्य काल - 06:12 से 12:33
मुंबई। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार जब सूर्य मेष राशि में प्रवेश करता है, उसे मेष संक्रान्ति कहते हैं और उस दिन से सौर नववर्ष आरम्भ होता है। देश में उड़िया, तमिल, मलयालम, बंगाली आदि नववर्ष भी इसी दिन से प्रारंभ होते हैं। मेष संक्रान्ति को.... ओडिशा में पणा संक्रान्ति, तमिलनाडु में पुथंडु, केरल में विषु के रूप में मनाया जाता है।
पश्चिम बंगाल में मेष संक्रान्ति को नबा वर्षा, असम में बिहू, तो पंजाब में बैसाखी के रूप में मनाया जाता है।
मेष संक्रान्ति का सार्वजनिक फल है.... महंगाई बढ़ना, पानी की कमी, चोरी, विभिन्न राष्ट्रों के बीच संघर्ष आदि। व्यक्तिगत प्रभाव देखें तो.... मेष संक्रान्ति- मिथुन, कर्क, वृश्चिक, कुंभ राशियों के लिए शुभ संदेश लेकर आ रही है, जबकि- वृषभ, कन्या, मकर राशिवालों को सतर्क रहना होगा। शुभाशुभ प्रभाव में कमी-बढ़ोतरी इस पर निर्भर है कि सूर्यदेव- कारक हैं, सम हैं, या अकारक हैं.
जिन व्यक्तियों का मंगल अकारक है, कई बार उन्हें मेष संक्रान्ति में अच्छा फल मिलता है.
क्योंकि.... इस वर्ष के राजा और मंत्री सूर्यदेव हैं, इसलिए नियमित सूर्योपासना से शुभ फल की प्राप्ति होगी।
-पं. प्रदीप लक्ष्मीनारायण द्विवेदी, बॉलीवुड एस्ट्रो एडवाइजर
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