भोपाल। मध्य प्रदेश में अपनी सरकार बचाए रखने के लिए कांग्रेस हरसंभव प्रयास कर रही है। पार्टी की ओर से सिंधिया समर्थकों पर पैनी नजर रखी जा रही है। सूत्रों का कहना है कि पार्टी व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने मंत्री लाखन सिंह यादव को सिंधिया समर्थक विधायकों पर नजर रखने और संवाद स्थापित करने की जिम्मेदारी सौंपी है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे चुके हैं।
साथ ही उनके समर्थक 22 विधायकों ने भी इस्तीफा दे दिया है। इससे मध्य प्रदेश में कांग्रेस सरकार अल्पमत में आ गई है और सरकार बचाने के लिए तमाम प्रयासों में जुटी हुई है। इससे पहले राज्य सरकार के दो मंत्रियों को भी बेंगलुरू भेजा गया था, जहां कांग्रेस के बागी विधायकों ने डेरा डाला हुआ है। राज्य की कमलनाथ सरकार पर बीते एक सप्ताह से संकट गहराया हुआ है। पहले 10 विधायक और फिर 19 विधायक बागी तेवर अपनाते हुए लापता हुए हैं।
वर्तमान में 22 विधायक इस्तीफा दे चुके हैं, जिससे वर्तमान सरकार अल्पमत में नजर आ रही है, मगर कांग्रेस अब भी यह मानने को तैयार नहीं है कि उसकी सरकार गिर जाएगी। कांग्रेस ने अब सरकार बचाए रखने के लिए नई रणनीति पर काम करना शुरू कर दिया है। इसी के तहत मंत्री सज्जन सिंह वर्मा व एक अन्य मंत्री को बागी विधायकों से संवाद करने भेजा गया था। वर्मा का कहना है कि कांग्रेस के सभी विधायक उनके साथ हैं।
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