श्रीनगर। प्रशासन ने संसद हमले के दोषी अफजल गुरु की पुण्यतिथि पर अलगाववादियों द्वारा आहूत विरोध प्रदर्शनों के मद्देनजर शुक्रवार को श्रीनगर और कश्मीर घाटी के अन्य हिस्सों में प्रतिबंध लगा दिए हैं। अफजल को नौ फरवरी, 2013 को दिल्ली की तिहाड़ जेल में फांसी दी गई थी। अलगाववादियों ने अफजल की पुण्यतिथि और उसके अवशेषों को परिवार को सौंपे जाने की मांग करते हुए विरोध प्रदर्शनों का आह्वान किया है। गौरतलब है कि अफजल को जेल परिसर में ही दफनाया गया था।
पुलिस के मुताबिक, पुराने श्रीनगर क्षेत्रों मैसूमा और उत्तरी एवं दक्षिणी कश्मीर के कुछ क्षेत्रों में प्रतिबंध लगाए गए। वरिष्ठ अलगाववादी नेता सैयद अली गिलानी, मीरवाइज उमर फारुख नजरबंद हैं जबकि मुहम्मद यासीन मलिक सेंट्रल जेल में बंद हैं।
सैयद सलाउद्दीन के नेतृत्व में युनाइटेड जिहाद काउंसिल यूजेसी) ने इस प्रदर्शन का समर्थन किया है। अर्धसैनिक केंद्रीय रिजर्व पुलिसबलों (सीआरपीएफ) की टुकडिय़ों को प्रतिबंधित क्षेत्रों में तैनात किया गया है। सुरक्षा के मद्देनजर उत्तरी कश्मीर के बारामूला से जम्मू के बनिहाल के बीच रेल सेवाएं बंद कर दी गई हैं।
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