नई दिल्ली। दिल्ली की एक अदालत ने भ्रष्टाचार के एक मामले में मुख्यमंत्री के पूर्व प्रधान सचिव राजेंद्र कुमार के खिलाफ आरोप तय करने में देरी के लिए एजेंसी के अभियोजक पर कथित शारीरिक हमले के लिए सीबीआई के डीआईजी को समन जारी किया है। केंद्रीय जांच ब्यूरो के अभियोजक (प्रोसिक्यूटर) सुनील कुमार वर्मा ने उप महानिरीक्षक (डीआईजी) राघवेंद्र वत्स पर नौ अक्टूबर की सुबह वत्स के कार्यालय में उनकी पिटाई करने का आरोप लगाया है। वर्मा ने आरोपी के खिलाफ कार्रवाई के लिए उसी दिन लोधी रोड पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज की थी।
पुलिस को दी गई अपनी शिकायत में वर्मा ने कहा है, "नौ अक्टूबर को, जैसे ही मैंने उनके कार्यालय में प्रवेश किया, उन्होंने मेरा नाम पूछने के बाद मुझे चेहरे पर मुक्का मारा। उन्होंने फिर मुझे बातचीत करने के लिए बैठने के लिए कहा। मैं उनके कमरे से बाहर चला गया और चिल्लाना शुरू कर दिया कि मेरे साथ मारपीट की गई है। मैं चाहता हूं कि आप उचित कार्रवाई करें।"
12 अक्टूबर को भ्रष्टाचार के मामले में हुई सुनवाई के दौरान वर्मा ने अदालत को बेवजह हुई इस कथित घटना की जानकारी दी।
रोस एवेन्यू कोर्ट के विशेष न्यायाधीश राकेश कुमार शर्मा ने आरोप का संज्ञान लिया और 19 अक्टूबर के लिए डीआईजी वत्स को तलब किया है।
1989 बैच के भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) अधिकारी राजेंद्र कुमार पर दिल्ली सरकार के निजी फर्म एंडेवर सिस्टम्स प्राइवेट लिमिटेड को 9.5 करोड़ रुपये के ठेके देने का आरोप लगाया गया है। उन्हें 2016 में गिरफ्तार किया गया था, लेकिन बाद में उन्हें जमानत मिल गई थी।
--आईएएनएस
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