राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए), कर्नाटक पुलिस और इंटेलिजेंस ब्यूरो द्वारा
मुस्तफा से पूछताछ के दौरान यह पाया गया कि वह डार्कनेट का उपयोग कर मनी
लॉन्ड्रिंग के लिए मुद्रा को क्रिप्टो मुद्रा में बदलने का काम कर रहा था।
मुस्तफा ने 563 व्यक्तिगत आईआरसीटीसी आईडी का भी उपयोग किया, जो कि एएनएमएस
सॉफ्टवेयर और लगभग 3000 बैंक खातों के माध्यम से कन्फर्म टिकट बुक करते
हैं।
आरपीएफ के महानिदेशक ने कहा कि उनके लैपटॉप की जांच से पता चला कि वह
पाकिस्तान स्थित तबलीक-ए-जमात का समर्थक है और उसके पास कई पाकिस्तानी,
बांग्लादेशी, खाड़ी देशों के, इंडोनेशियाई और नेपाली नंबर थे। उसके पास
नकली आधार और पैनकार्ड बनाने के लिए एक सॉफ्टवेयर भी था। उनके लैपटॉप में
कई पाकिस्तानी सॉफ्टवेयर और कई संदेश पाए गए हैं।
आरपीएफ ने एक सॉफ्टवेयर
कंपनी की भी पहचान की है जो समूह से धन प्राप्त कर रही थी। सिंगापुर पुलिस
द्वारा मनी लॉन्ड्रिंग के लिए कंपनी की जांच की जा रही है। कुमार ने कहा,
हमने समूह के तकनीकी विशेषज्ञ माने जाने वाले गुरुजी नाम के एक व्यक्ति का
भी पता लगाया है, जिसे हाल ही में मुस्तफा से 13 लाख रुपए मिले थे। आरपीएफ
अधिकारी ने कहा, हमने मुस्तफा की पूछताछ के आधार पर 27 लोगों को गिरफ्तार
किया है।
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