नई दिल्ली। रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) ने मंगलवार को मनी लॉन्ड्रिंग और आतंकी फंडिंग के लिंक के साथ टिकट घोटाले का खुलासा करने का दावा किया है। आरपीएफ के महानिदेशक अरुण कुमार ने मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि टिकट दलालों के खिलाफ पिछले साल ऑपरेशन थंडरस्टॉर्म शुरू करने के बाद हमारे रडार पर गुलाम मुस्तफा नामक व्यक्ति आया।
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कुमार ने कहा कि मुस्तफा को इस साल की शुरुआत में भुवनेश्वर से गिरफ्तार किया गया था और आरपीएफ ने उसके पास से दो लैपटॉप बरामद किए, जिनमें एएनएमएस नाम का सॉफ्टवेयर था। इस सॉफ्टवेयर के माध्यम से उन्होंने अवैध टिकटिंग को रोकने के लिए स्थापित तमाम बाधाओं को पार कर लिया, जैसे कैप्चा देना और बैंक का ओटीपी।
उन्होंने कहा कि इसके बाद घोटालेबाजों ने एकत्रित धन को गुप्त धन (क्रिप्टो करेंसी) में बदलते हुए इसे इंटरनेट के माध्यम से विदेश भेज दिया, जिसका कथित रूप से आंतकी वित्त पोषण (टेरर फंडिंग), मनी लॉन्ड्रिंग और अन्य चीजों में इस्तेमाल किया गया।
कुमार ने कहा कि हमने दुबई में हामिद अशरफ नामक एक व्यक्ति की पहचान की है और उस पर गिरोह का मास्टरमाइंड होने का संदेह है। उन्होंने कहा कि अशरफ को केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई), रेलवे अधिकारियों और स्थानीय पुलिस ने 2016 में उत्तर प्रदेश के बस्ती से गिरफ्तार किया था, लेकिन जमानत मिलने के बाद वह नेपाल के रास्ते दुबई भाग गया।
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