नोएडा।
विधानसभा चुनाव के नामांकन के लिए मात्र एक दिन शेष रह गया है। वहीं भाजपा के नोएडा विधानसभा सीट से उम्मीदवार
पंकज सिंह नोएडा सेक्टर-27 में आयोजित समारोह में पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ
मुलाकात कर उनसे परिचय में जुटे है। उन्हे भी एहसास है कि जीत के लिए कार्यकर्ताओं
को साधना जरूरी है। लेकिन पत्रकारों से बातचीत के दौरान वे इस बात का अहसास नहीं
होने देते और कहते है कि उनका विरोध नहीं तो, भीतरघात कैसा?
नोएडा
के लिए मैं नया नहीं, हर गली- सड़क से वाकिफ हूं। लेकिन कार्यक्रम में पूर्व
केंद्रीय मंत्री अशोक प्रधान, पूर्व विधायक नवाब सिंह नागर और निवर्तमान विधायक
विमला बाथम की गैर मौजूदगी कुछ और ही कहानी बयां करती नजर आ रही थी।
गुलाब
के पुष्पगुच्छ को स्वीकार करते हुए नोएडा विधानसभा सीट से उम्मीदवार पंकज सिंह
को भी एहसास है कि वे उस एक्सट्रा पैसीन्जर की तरह है जिन्हे बिना आरक्षण के
आरक्षित सीट पर बैठा दिया गया है। पंकज सिंह से ज्यादा डॉ. महेश शर्मा के नाम के
नारे लगा रहे कार्यकर्ताओं की हालत एक कहावत में कही जा सकती है कि जबरा मारे… और
रोने भी न दे। लेकिन पिता की विरासत और नोएडा में मतदान के इतिहास को जानते
हुए पंकज सिंह का मानना है कि वह तमाम अंतर्विरोध के वावजूद वो विधानसभा का सफर तय
कर लेंगे।
वे
कहते हैं कि भ्रष्टचार और गुंडाराज को खत्म करना और विकास के मामले में क्षेत्र को
अव्वल बनाना ही उनकी प्राथमिकता होगी। एक सवाल के जवाब में कहा कि वह नोएडा के लिए
नए नहीं हैं। इससे पहले भी वे नोएडा से टिकट चाहते थे। वह इसी उत्तर प्रदेश के
रहने वाले हैं और प्रदेश के ही नेता हैं।
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