बागपत में महिला आयोग सदस्य मीनाक्षी भराला का बयान
बागपत। उत्तर प्रदेश राज्य महिला आयोग की सदस्य मीनाक्षी भराला मंगलवार को बागपत के पीडब्ल्यूडी गेस्ट हाउस पहुंचीं, जहां उन्होंने पत्रकारों से बातचीत करते हुए प्रदेश में महिलाओं के खिलाफ बढ़ते अपराधों को लेकर गंभीर चिंता जाहिर की। उन्होंने पुलिस प्रशासन से मांग की कि ऐसे मामलों में कड़ी कार्रवाई की जाए, ताकि अपराधियों में भय का माहौल पैदा हो और महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
"महिलाओं पर अत्याचार बढ़े हैं, पुलिस को सख्त कदम उठाने होंगे"
मीनाक्षी भराला ने प्रेस वार्ता में कहा, “प्रदेश में महिलाओं पर अत्याचार और अपराधों की संख्या बढ़ती जा रही है। ऐसे में पुलिस को तत्काल कार्रवाई करते हुए अपराधियों को कड़ी सजा दिलवानी चाहिए। महिला सुरक्षा हमारी प्राथमिकता है और इसमें कोई भी ढिलाई बर्दाश्त नहीं की जा सकती।”
उन्होंने यह भी कहा कि समाज में बदलाव लाने के लिए शिक्षा और संस्कार दोनों ही आवश्यक हैं। माता-पिता को चाहिए कि वे बेटियों और बेटों दोनों को समान रूप से उच्च शिक्षा दें और उनमें अच्छे संस्कार विकसित करें।
"दो महिलाओं की गलती से पूरा महिला समाज दोषी नहीं"
भराला ने सोशल मीडिया पर महिलाओं की छवि को लेकर चल रहे नकारात्मक अभियान पर भी गहरी नाराज़गी जताई। उन्होंने कहा कि कुछ घटनाओं को आधार बनाकर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर समूचे महिला वर्ग को बदनाम करना निंदनीय है।
“अगर दो महिलाएं अपराध में लिप्त पाई जाती हैं, तो इसका मतलब यह नहीं कि पूरा महिला समाज खराब है। कुछ सोशल मीडिया पेज और यूट्यूब चैनल महिलाओं की छवि धूमिल करने का काम कर रहे हैं, जो पूरी तरह अनुचित है। महिला समाज एक सशक्त स्तंभ है और उसे सम्मान मिलना चाहिए,” उन्होंने कहा।
सोशल मीडिया कंपनियों और यूज़र्स से की अपील
मीनाक्षी भराला ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स से अपील की कि वे ऐसे कंटेंट को बढ़ावा न दें जो महिला समाज की प्रतिष्ठा को ठेस पहुंचाए। उन्होंने यह भी चेताया कि यदि कोई व्यक्ति या समूह सोशल मीडिया पर महिलाओं के खिलाफ आपत्तिजनक या भ्रामक कंटेंट पोस्ट करता है, तो साइबर अपराध की धाराओं के तहत कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
अवैध कब्जों पर भी जताई चिंता, प्रशासन को दिए निर्देश
प्रेस वार्ता के दौरान मीनाक्षी भराला ने ग्रामीण क्षेत्रों में हो रहे अवैध कब्जों का मुद्दा भी उठाया। उन्होंने कहा कि बड़ी संख्या में ग्रामीण परिवारों के लोग रोज़गार के लिए शहरों में रहते हैं, और इसी दौरान उनके पैतृक घरों या जमीनों पर अवैध कब्जे हो जाते हैं।
“राजस्व विभाग और पुलिस को चाहिए कि ऐसे मामलों में तत्परता दिखाएं। पीड़ितों की शिकायत पर तुरंत कार्रवाई कर अवैध कब्जे हटाए जाएं और दोषियों पर कड़ी कार्रवाई हो,” उन्होंने कहा।
"महिला सशक्तिकरण बिना सम्मान और सुरक्षा अधूरा"
मीनाक्षी भराला ने कहा कि सरकार महिला सशक्तिकरण के लिए लगातार प्रयास कर रही है, लेकिन समाज में तब तक वास्तविक बदलाव नहीं आ सकता जब तक महिलाओं को सम्मान, सुरक्षा और बराबरी का दर्जा नहीं मिलेगा।
उन्होंने यह भी दोहराया कि राज्य महिला आयोग प्रत्येक पीड़ित महिला की आवाज़ बनकर काम कर रहा है और हर जिले में महिला हितों की रक्षा हेतु आयोग तत्पर है।
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