कांगड़ा। इंडियन मेडिकल ऐसोसिएशन की हिमाचल प्रदेश इकाई ने केंद्र सरकार
द्वारा लाए जा रहे नए मेडिकल बिल के विरोध में 16 नवंबर को प्रदेश के सभी जिला मुख्यालयों पर दो घंटे धरना प्रदर्शन करने का
फैसला लिया है। धरने के उपरांत जिलाधीश के माध्यम से प्रदेश आईएमए प्रधानमंत्री
नरेंद्र मोदी व स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा को ज्ञापन भेजेगी। इंडियन मेडिकल
ऐसोसिएशन की बैठक में फैसला लिया गया कि मेडिकल बिल का विरोध सत्याग्रह के जरिए
विशेषज्ञ डाक्टर करेंगे। फिर भी सरकार नहीं मानी को संघर्ष को उग्र किया जाएगा।
यह जानकारी देते हुए ऐसोसिएशन के महासचिव डॉ. अमित गुप्ता ने कहा कि केंद्र
सरकार द्वारा प्रस्तावित नए मेडिकल बिल से जहां एमबीबीएस की पढ़ाई महंगी होगी,
वहीं प्रशिक्षित डाक्टरों का भविष्य अधर में लटकेगा।
नेशनल मेडिकल बिल के तहत
मेडिकल कौंसिल आफ इंडिया को निरस्त करने साथ मार्डन मेडिसिन में निजी प्रेक्टिस
करने के लिए चिकित्सक की न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता एमबीबीएस निर्धारित की गई है।
आयुर्वेदिक, होम्योपैथिक और
पैरामेडिकल को अपना पंजीकरण नेशनल मेडिकल बिल के तहत करवाना अनिवार्य होगा। ऐसे
में बह पूरे देश में निजी प्रेक्टिस नहीं कर पाएंगे। साथ ही एमबीबीएस की शिक्षा
पूरी करने के उपरांत निजी प्रेक्टिस करने के लिए बिल के अतर्गत लाइसेंस लेने के
लिए परीक्षा देना अनिवार्य होगा। नेशनल मेडिकल कौसिल के तहत निजी मेडिकल कालेजों
में फीस का निर्धारण वह खुद करेंगे। इससे नीट का रिजल्ट प्रभावित होगा। कालेज
प्रबंधक मर्जी से छात्रों को दाखिला दे सकेंगे और साथ ही सुप्रीमकोर्ट द्वारा
न्यूनतम फीस निर्धारण के आदेशों की अनुपालना होगी।
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