• Aapki Saheli
  • Astro Sathi
  • Business Khaskhabar
  • ifairer
  • iautoindia
1 of 1

बढ़ती व्यापार तनातनी से वैश्विक अर्थव्यवस्था की बिगड़ती सेहत

 - World News in Hindi

बढ़ते व्यापार तनावों और नीति-सम्बन्धी अनिश्चितताओं के बीच, वैश्विक अर्थव्यवस्था एक बेहद नाज़ुक पड़ाव पर पहुँच गई है और इस वर्ष इसकी रफ़्तार धीमी होने का अनुमान है. आर्थिक व सामाजिक मामलों के लिए यूएन कार्यालय (UN DESA) की एक नई रिपोर्ट में यह निष्कर्ष साझा किया गया है. संयुक्त राष्ट्र के एक अध्ययन के अनुसार, वैश्विक अर्थव्यवस्था की प्रगति दर 2024 में 2.9 प्रतिशत थी, जोकि 2025 में घटकर 2.4 प्रतिशत पहुँच सकती है.टैरिफ़ (आयात शुल्क) की वजह से क़ीमतें बढ़ने की आशंका से मुद्रास्फीति में उछाल का जोखिम गहरा रहा है. ऐसे में उन अर्थव्यवस्थाओं के लिए चिन्ताजनक स्थिति है, जोकि व्यापार पर निर्भर हैं. Tweet URL

ऊँचे टैरिफ़ और व्यापार नीतियों में बदलाव की वजह से वैश्विक सप्लाई चेन में व्यवधान आने, उत्पादन क़ीमतों के बढ़ने और महत्वपूर्ण निवेश निर्णयों में देरी होने का ख़तरा है. इससे विश्व भर में आर्थिक प्रगति की सम्भावनाएँ कमज़ोर होंगी.यूएन विश्लेषण के अनुसार, आर्थिक सुस्ती का दायरा व्यापक है, जिससे दुनिया भर में विकसित व विकासशील देशों की अर्थव्यवस्थाओं पर असर हुआ है.संयुक्त राज्य अमेरिका में आर्थिक प्रगति के काफ़ी हद तक धीमा हो जाने का अनुमान है. 2024 में यह दर 2.8 प्रतिशत थी, जोकि अब 1.6 प्रतिशत तक सीमित हो सकती है. ऊँचे टैरिफ़ और नीति-सम्बन्धी अनिश्चितता के कारण निजी निवेश और उपभोक्ता ख़र्च प्रभावित होने की सम्भावना है.वहीं, चीन की अर्थव्यवस्था इस वर्ष 4.6 प्रतिशत बढ़ने की सम्भावना है, जबकि 2024 में आर्थिक प्रगति की दर 5 फ़ीसदी थी. भारत के लिए यह आँकड़ा 7.1 प्रतिशत से गिरकर 6.3 फ़ीसदी पहुँच सकता है.ब्राज़ील और मैक्सिको समेत अन्य बड़ी विकासशील अर्थव्यवस्थाओं के आर्थिक वृद्धि अनुमानों में बदलाव के बाद कम किया गया है.आर्थिक वृद्धि में आई यह सुस्ती उपभोक्ता में विश्वास में कमज़ोरी, आयात पर निर्भर विनिर्माण में आए व्यवधान और चीन के सम्पत्ति सैक्टर में जारी चुनौतियों को दर्शाती है.मुद्रास्फीति का जोखिम2025 के शुरुआती दिनों में, दो-तिहाई से अधिक देशों में मुद्रास्फीति, वैश्विक महामारी से पूर्व के औसत आँकड़े से अधिक पहुँच गई है. 20 से अधिक विकासशील अर्थव्यवस्थाओं में मुद्रास्फीति की दर ने दोहरे अंकों को छू लिया है.2023 और 2024 के दौरान मुद्रास्फीति में राहत देने वाली ख़बरों के बावजूद ये रुझान दिखाई दे रहा है.खाद्य वस्तुओं की क़ीमतों में उछाल विशेष रूप से अफ़्रीका, दक्षिण और पश्चिमी एशिया में अधिक है, और यह औसतन छह प्रतिशत है. इससे निम्न-आय वाले परिवारों के लिए सबसे कठिन हालात हैं.व्यापार अवरोधों और जलवायु सम्बन्धी झटकों के कारण मुद्रास्फीति में उछाल आ रहा है, जिसके कारण समन्वित नीतियों पर बल दिया गया है ताकि क़ीमतों में स्थिरता लाई जा सके और नाज़ुक हालात में रह रहे परिवारों को मदद मिले.विकासशील अर्थव्यवस्थाएँआर्थिक एवं सामाजिक मामलों के अवर महासचिव ली जिन्हुआ ने बताया कि टैरिफ़ के झटकों की वजह से कमज़ोर विकासशील देशों पर विशेष रूप से प्रभाव पड़ने का अनुमान है.केन्द्रीय बैन्क कमज़ोर अर्थव्यवस्थाओं को समर्थन प्रदान करने के साथ-साथ मुद्रास्फीति पर नियंत्रण पाने की भी कोशिश कर रहे हैं. मगर, अनेक सरकारों, ख़ासकर विकासशील देशों के पास सीमित वित्तीय उपाय हैं.इस वजह से, उनके लिए आर्थिक प्रगति में आई सुस्ती से कारगर ढंग से निपटना मुश्किल हो गया है.अनेक विकासशील देशों के लिए, इन आर्थिक हालात में रोज़गार अवसर को सृजित करना, निर्धनता घटाना, और असमानता से निपटना और चुनौतीपूर्ण हो जाएगा.

यह भी पढ़े

Web Title-
खास खबर Hindi News के अपडेट पाने के लिए फेसबुक पर लाइक और ट्विटर पर फॉलो करे!
(News in Hindi खास खबर पर)
Tags: hindi news, news in hindi, breaking news in hindi, real time news, hindi news, news in hindi, breaking news in hindi, real time news, hindi news, news in hindi, breaking news in hindi, real time news, hindi news, news in hindi, breaking news in hindi, real time news, hindi news, news in hindi, breaking news in hindi, real time news
Khaskhabar.com Facebook Page:

प्रमुख खबरे

आपका राज्य

Traffic

1 / 45

जीवन मंत्र

Daily Horoscope

वेबसाइट पर प्रकाशित सामग्री एवं सभी तरह के विवादों का न्याय क्षेत्र जयपुर ही रहेगा।
Copyright © 2025 Khaskhabar.com Group, All Rights Reserved