भारत के चेन्नई शहर में स्थित मशहूर प्रौद्योगिकी संस्थान - (IIT), इंजीनियरिंग के छात्रों के लिए एक नवाचार केन्द्र बनाकर, स्थाई व सतत नवाचारों को प्रोत्साहन दे रहा है. भारत में संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (UNDP) ने हाल ही में, अपनी इस साझीदार शैक्षणिक संस्था को, युवजन को हरित व स्थाई नवाचार में प्रेरित करने के लिए, अपने प्रकाशन ‘Inspiring India’ में जगह दी है. एक रेसिंग कार जो चार सेकंड से भी कम समय में, शून्य से 100 किमी प्रति घंटा की गति पकड़ सकती है, एक मानव रहित व उड़ने वाली टैक्सी, जिसका किराया औसत टैक्सी के किराए से लगभग 2.5 गुना अधिक है, कुछ सप्ताहों के भीतर ही 2,000 बिस्तरों वाला अस्पताल खड़ा करने की नवीन तकनीक...ये कुछ ऐसे नवाचार हैं जो नवाचार केन्द्र (CFI) से निकलकर आए हैं.यह नवाचार केन्द्र, वर्ष 2008 में भारत के चेन्नई शहर में स्थित भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान मद्रास (IITM) में स्थापित किया गया था.छात्रों के नेतृत्व वाली इस प्रयोगशाला में 1,000 सदस्य हैं और इसमें 70 परियोजनाएँ जारी हैं. इन परियोजनाओं में इलैक्ट्रिक-संचालित फॉर्मूला रेस कारें, बुद्धिमत्तापूर्ण ज़मीनी वाहन, पुन: उपयोग करने योग्य घटकों वाले ध्वनि रॉकेट, स्थानीय बुनकर समुदायों के लिए बिजली चालित बुनाई मशीनें, स्थाई कृषि उपकरण तथा समावेशी विकलांग उपकरण शामिल हैं.यह नवाचार केन्द्र (CFI) स्वायत्त हैं. कोई सदस्य बड़ा-छोटा नहीं है और किसी को कोई विशेषाधिकार प्राप्त नहीं हैं.CFI के शिक्षा प्रभारी, प्रभु राजगोपाल कहते हैं, "इसके ज़रिए सीखने का अवसर मिलना ही उनका सबसे बड़ा इनाम होता है,"इंजीनियरिंग के बदलते आयामउन्होंने बताया, "इंजीनियरिंग का फिर से उदभव हो रहा है. स्थिरता के समावेशन से इसकी प्रकृति बदल रही है. नवाचार तभी शुरू होता है जब उसे करने में मज़ा आए. दरअसल भारतीय छात्र, अन्य देशों के इंजीनियरिंग छात्रों की तुलना में, सिद्धान्त व नम्बरों की पढ़ाई अधिक करते हैं.”आईआईटी मद्रास में CFI, सभी क्लबों में सबसे अधिक सम्मानित माना जाता है. अन्तिम वर्ष के सिविल इंजीनियरिंग छात्र, 21 वर्षीय यवक्रीत स्वामी कहते हैं, "मैं आईआईटी में शामिल ही रफ़्तार के लिए हुआ था."वर्ष 2012 में, मोटर दौड़ और वाहन इंजीनियरिंग में उत्साहित लगभग 50 छात्रों के साथ, रफ़्तार फ़ॉर्मूला दौड़ का गठन हुआ था.कोयम्बटूर में भारतीय फ़ॉर्मूला दौड़ कारों की छात्र प्रतियोगिता, फॉर्म्यूला भारत 2023 में इस टीम ने अपनी पहली इलैक्ट्रिक कार, RFR23 पेश की. © UNDP India/Harsha Vadlamani उन्होंने इलैक्ट्रिक श्रेणी में तीसरा स्थान प्राप्त किया, और अपने व्यवसाय योजना प्रस्तुति तथा इंजीनियरिंग डिज़ाइन के लिए क्रमशः पहला और दूसरा स्थान जीता.मिश्रित सामग्री के व्यापक उपयोग के कारण कार ईंधन कुशल और हल्की है और केवल 4 सेकंड में शून्य से 100 किमी प्रति घंटा की गति पकड़ सकती है. अब, रफ़्तार की टीम, वाहन को और हल्का करते हुए, अधिक गति देने व उसे टिकाऊ एवं स्थाई बनाने के लिए कार्बन परीक्षण कर रही है.नवाचार की आज़ादीचार वर्षों से इसके सदस्य रहे स्वामी, बताते हैं, "यहाँ आपको काम की बहुत अधिक आज़ादी मिलती है. प्रभु राजगोपाल, नवाचार के सिद्धान्तों के कुछ महत्वपूर्ण तत्वों का उल्लेख करते हैं. सबसे पहले तो नई खोज करने से ख़ुशी हासिल होती है. दरअसल नवाचार की यात्रा तब शुरू होती है जब यह करने में मज़ा आता हो. CFI प्रशासन छात्रों के अन्वेषण, प्रयोग और प्रतियोगिता प्रविष्टियों को बिना किसी जीत के दबाव के धनराशि प्रदान करता है. नवाचार की संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए असफलता को स्वीकार करना शायद सबसे बड़ा प्रोत्साहन है.राजगोपाल बताते हैं, "सबसे अच्छी बात यह है कि हम देश के सर्वश्रेष्ठ तकनीकी संस्थान के साथ करके समाज में अन्तर ला सकते हैं."CFI का हिस्सा, BTech की मैकेनिकल इंजीनियरिंग छात्रा अहाना हेगड़े अभियान परियोजना के तहत सड़क दुर्घटनाओं को कम करने के लिए स्वायत्त वाहनों के प्रौद्योगिकी निर्माण में लगी हैं.समावेशी समाधानऐसे ही प्रेरणादायक माहौल ने स्वस्तिक सौरव दास और उनके सहपाठियों को विकलांगों के लिए, मोटर चालित क्लिप-ऑन के साथ एक व्हीलचेयर पर काम करने के लिए प्रेरित किया. वो कहते हैं, "हमारा मक़सद व्हीलचेयर उपयोगकर्ताओं को गतिशील सक्षम बनाना था, ताकि वे गरिमा के साथ जीवन जी सकें और आत्मनिर्भर बनें."स्वस्तिक सौरव दास कहते हैं कि जब वो हर दिन काम पर निकलते हैं तो उनकी आँखों में गर्व की जो चमक होती है, शायद वहीं उनका सबसे बड़ा इनाम है.आईआईटी मद्रास के निदेशक वीजिनाथन कामाकोटी ने, अक्टूबर 2024 में, सततता के विद्यालय की शुरूआत करते समय घोषणा की थी, "इंजीनियरिंग जल्द ही सतत विकास लक्ष्यों के इर्द-गिर्द केन्द्रित होगी."इसी विचार को ध्वनित करता इसका परिसर, जहाँ प्रसिद्ध चित्तीदार हिरण जैसे वन्यजीव घूमते नज़र आ जाते हैं, जो संस्थान के हरित लक्ष्यों के साथ पूरी तरह मेल खाते दिखते हैं.इसी माहौल में वैज्ञानिक अनुसन्धान और नवाचार की सीमाओं को आगे बढ़ाते छात्र, जलवायु परिवर्तन और पर्यावरणीय ख़तरों के लिए नवीन समाधान तलाश करने के प्रति लगातार जागरूक रहते हैं.
ओडिशा आने के लिए ठुकराया ट्रंप का न्योता : पीएम मोदी
पीएम मोदी के भाषण में कोई नया कंटेंट नहीं: तेजस्वी यादव
पीएम मोदी ने ओडिशा को दी 18,653 करोड़ की विकास परियोजनाओं की सौगात
Daily Horoscope