रायबरेली। हिन्दुस्तान ही नहीं विश्व की जानी मानी लोकगीतों की प्रख्यात कलाकार व अन्तर्राष्ट्रीय नृत्यांगना मालिनी अवस्थी ने लालगंज में प्रेस से मुखातिब होकर कहा कि लोकगीत कजरी, चैती आदि भारतीय संस्कृति की अनुपम धरोहर है। मालिनी अवस्थी लालगंज मे बीएमपीएस प्रबंधक सुनील सिंह के यहां एक निजी कार्यक्रम मे आई थी। पत्रकारों से वार्ता करते हुये मालिनी अवस्थी ने कहा कि वो लोकगीतों के जरिये उस पुरातन भारत को देखती है जिसकी सामाजिक व्यवस्था की रचना हमारे महान पूर्वजों ने अगली पीढी को संदेश देने के लिये रची थी। अगर आज का कलाकार गीतों व खेलों के माध्यम से नयी पीढी को सजोने का कार्य करें तो यही सच्ची राष्ट्र सेवा होगी।
मालिनी अवस्थी ने कहा कि कलाकार जैसा सोचता है, जैसा जीवन जीता है, वैसा ही समाज को देने का प्रयास करता है। भाषणबाजी करने के बजाय लोकगीतों को गाकर सब कुछ कह देने की अनूठी कला हमारे पूर्वजों के पास थी। नई पीढ़ी को प्राचीन संस्कृति से रूबरू कराने का यह बहुत अच्छा माध्यम है। नये जमाने की चकाचौंध में युवा पीढ़ी प्राचीन संस्कृति एवं लोककलाओं को भूलती जा रही है।
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