चेन्नई। अपोलो अस्पताल में जिस हिस्से में तमिलनाडु की मुख्यमंत्री जे. जयललिता का उपचार किया जा रहा था वहां के सभी सीसीटीवी कैमरे बंद थे। यह सब सुरक्षा कारणों के चलते किया गया था। जयललिता इस अस्पताल में 75 दिनों तक भर्ती रही थीं और इस अवधि के दौरान सारे सीसीटीवी कैमरे बंद कर दिए गए थे। यह कहना है अपोलो अस्पताल समूह के चेयमैन प्रताप रेड्डी का।
उन्होंने गुरुवार एक कार्यक्रम से इतर मीडिया से कहा कि दुर्भाग्य से हमने उस जगह के सभी सीसीटीवी बंद कर दिए थे, क्योंकि हम नहीं चाहते थे कि हर कोई उन्हें दिए जा रहे इलाज को देखे। रेड्डी ने कहा कि इसके अलावा सुरक्षा कारणों की वजह से जयललिता के तल पर मौजूद सभी मरीजों को दूसरी मंजिल पर शिफ्ट कर दिया गया था। जयललिता के अस्पताल में भर्ती होने के बाद आईसीयू तक लोगों की पहुंच रोक दी
गई। सभी मरीजों को दूसरे आईसीयू में भेज दिया। इस आईसीयू में केवल जयललिता
का ही उपचार चल रहा था। इस दौरान 24 बिस्तरों वाले आईसीयू में केवल एक बिस्तर
का इस्तेमाल हुआ। इलाज के दौरान किसी को भी जयललिता से मिलने की इजाजत नहीं दी
गई।
उन्होंने कहा कि 22 सितंबर 2016 को जब मुख्यमंत्री को अस्पताल लाया गया तो उनकी स्थिति गंभीर थी, लेकिन उनमें सुधार दिखा। चार दिसंबर को उन्हें कॉर्डिएक अरेस्ट हुआ, जिसके अगले दिन उन्हें मृत घोषित कर दिया गया। रेड्डी ने कहा कि उनके इलाज से जुड़े सभी दस्तावेज उनकी मौत की जांच कर रहे एकल न्यायिक जांच आयोग के पास जमा करवा दिए गए हैं।
-आईएएनएस
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