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चंडीगढ़। हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा के राजनीतिक सलाहकार रहे प्रोफेसर वीरेंद्र सिंह समेत तीन आरोपियों को रोहतक एडीजे कोर्ट ने देशद्रोह के आरोपों से मुक्त कर दिया है। एडीजे ऋतु बहल की कोर्ट ने यह फैसला सुनाया। प्रो. वीरेंद्र के अलावा जयदीप धनखड़ और कैप्टन मान सिंह पर 24 फरवरी 2016 को देशद्रोह, अंतरजातीय दुर्भावना, प्रॉपर्टी को नुकसान पहुंचाने के आरोपों के तहत मामला दर्ज किया गया था। जाट आरक्षण आंदोलन के दौरान यह मामला एक भड़काऊ ऑडियो के सामने आने के बाद दर्ज किया गया था।
प्रो. वीरेंद्र सिंह के वकील जेके गक्खड़ के मुताबिक जाट आरक्षण आंदोलन के दौरान 18 फरवरी, 2016 को एक ऑडियो वायरल हुआ था। इसी को आधार बना कर पुलिस ने छह दिन बाद प्रो. वीरेंद्र समेत तीन लोगों पर मामले दर्ज किए गए थे। अदालत में बहस के दौरान बताया गया कि प्रो. वीरेंद्र ने जयदीप धनखड़ का फोन लेकर मानसिंह को कहा था कि यहां सब शांतिपूर्ण चल रहा है, अपने इलाकों में संभालो। कोर्ट को यह बताया गया कि किसी का फोन लेकर यह बात कहने को कैसे देशद्रोह कहा जा सकता है? इसके बाद कोर्ट ने आरोपियों को दोष मुक्त कर दिया।
गौरतलब है कि जाट आरक्षण आंदोलन के दौरान प्रो. वीरेंद्र का एक ऑडियो वायरल हुआ था। इस आधार पर उनके अलावा दो अन्य लोगों पर दंगा भड़काने के आरोप लगाते हुए विभिन्न धाराओं के तहत मामले दर्ज कर लिए गए थे। खुद मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने कहा था कि जाट आरक्षण आंदोलन के बहाने उनकी सरकार को अस्थिर करने की कोशिश की गई थी।
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