नई दिल्ली। वर्ष 1952 में स्थापित राज्यसभा का सोमवार से ऐतिहासिक 250वां सत्र शुरू हुआ। इस दौरान मुखर वक्ता अरुण जेटली और वयोवृद्ध सदस्य राम जेठमलानी की कमी सत्ता पक्ष को ही नहीं, बल्कि विपक्ष को भी खल रही है, ऐसा देखने को मिला है। सदन में इस ऐतिहासिक सत्र को लेकर एक तरफ सदस्यों के चेहरे पर उत्साह दिखा तो दो सीटिंग और तीन पूर्व राज्यसभा सदस्यों को श्रद्धांजलि देने के साथ गम भी झलक रहा था। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
राज्यसभा सदस्य रहते अरुण जेटली का 67 वर्ष की उम्र में बीते 24 अगस्त को निधन हो गया, जबकि राम जेठमलानी (95) का निधन आठ सितंबर को हो गया था। कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद ने राज्यसभा में अरुण जेटली को याद करते हुए यहां तक कह दिया कि उनका जाना एक पार्टी नहीं, बल्कि देश की क्षति है। उन्होंने कहा, अरुण जेटली एक अच्छे छात्रनेता, अच्छे वक्ता और नेता थे। राजनीतिक कटुता को वे मधुरता में बदलना जानते थे।
अन्य विपक्षी सांसदों ने भी अरुण जेटली के साथ अपने संस्मरण साझा किए। डीएमके सांसद तिरुचि शिवा ने कहा कि अरुण जेटली ज्ञान के महासागर, शब्दावली के मास्टर, अखंडता के व्यक्ति थे। इस सदन के दोनों तरफ उनके प्रदर्शन को आज भी याद किया जाता है। वे गरीब महिलाओं की परेशानी को देखते हुए सैनिटरी नैपकिन पर जीएसटी को माफ करने में लग गए थे।
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