म्याँमार में लगातार आ रहे भूकम्प के झटकों से लोगों में डर बना हुआ है, जहाँ 28 मार्च को आए 7.7 तीव्रता के भूकम्प के एक महीने बाद भी, लाखों लोग मानवीय सहायता पाने के लिए बुरी तरह जूझ रहे हैं. इस भूकम्प में 3 हज़ार 800 से ज़्यादा लोगों की मौत हुई थी और 5 हज़ार 100 से अधिक लोग घायल हुए थे. राहत एजेंसियों ने मंगलवार को चेतावनी दी कि मैंडाले के आसपास के सबसे ज़्यादा प्रभावित मध्य क्षेत्रों में, 63 लाख से अधिक लोग अब भी आपातकालीन सहायता की प्रतीक्षा में हैं. Tweet URL
संयुक्त राष्ट्र की मानवीय सहायता समन्वय एजेंसी (OCHA) ने अन्तरराष्ट्रीय समुदाय से अधिक सहयोग की अपील करते हुए कहा, "लोगों को खुले स्थानों में सोने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है, साफ़ पानी की भारी कमी है और स्वास्थ्य सेवाएँ बुरी तरह प्रभावित हैं."संयुक्त राष्ट्र की साझीदार संस्था - अन्तरराष्ट्रीय रैड क्रॉस और रैड क्रैसेंट महासंघ (IFRC) ने बताया कि गत रविवार देर रात को आए ताज़ा भूकम्प के झटके की तीव्रता 4.4 थी.म्याँमार में IFRC की प्रमुख प्रतिनिधि नादिया खू़री ने यंगून से बताया, "इन झटकों के कारण, पहले से ही सदमे में जी रहे लोगों के बीच डर और तनाव बढ़ रहा है, यहाँ तक कि राहत कार्यों में लगे कर्मचारियों में भी भय का माहौल है."लाखों लोग प्रभावितOCHA की क्रिस्टीना पॉवेल ने कहा कि हालाँकि यहाँ अन्तरराष्ट्रीय समुदाय का ध्यान अब कम हो गया है, लेकिन अपने घरों से बेघर हुए परिवारों को अब भी जीवन को फिर से बसाने के लिए मदद की ज़रूरत है.उन्होंने कहा, "ज़्यादातर लोगों के लिए आपात स्थिति अभी ख़त्म नहीं हुई है. यह म्याँमार के लोगों के सामने, पहले से मौजूद चुनौतियों पर एक और संकट है.""लोग मुझे बता रहे थे कि वे अपने घरों में वापस जाने से डरते हैं, क्योंकि झटकों के के कारण, घर किसी भी समय गिर सकते हैं."देश के मैंडाले और बागो जैसे दक्षिणी हिस्सों में, भूकम्प ने सबसे ज़्यादा तबाही मचाई. वहीं पिछले साल सितम्बर में बाढ़ ने भी इन क्षेत्रों को बुरी तरह प्रभावित किया था. अब भूकम्प ने तबाही की एक और लहर ला दी है.आकलन के अनुसार, भूकम्प से म्याँमार में लगभग 55 हज़ार घर क्षतिग्रस्त या पूरी तरह नष्ट हो गए हैं. यहाँ फ़रवरी 2021 में सैन्य तख़्तापलट के बाद से गृहयुद्ध जारी है.OCHA के टिन आंग थेइन ने बताया कि मैंडाले में स्थानीय लोग अब भी सड़क किनारे या राहत शिविरों में रह रहे लोगों को भोजन और आवश्यक घरेलू सामान पहुँचा रहे हैं. लेकिन ज़रूरतें बहुत व्यापक हैं, जिनमें रहने के लिए आश्रय, भोजन, स्वच्छता किट और शौचालय तक शामिल हैं.उन्होंने कहा, "ये लोग पहले से ही बेहद संवेदनशील हालात में रह रहे हैं और केवल अपनी दैनिक मज़दूरी से मिलने वाली आय पर निर्भर हैं. इनके पुर्नवासन के लिए अन्तरराष्ट्रीय सहयोग बेहद ज़रूरी है."पिछले एक महीने में, अन्तरराष्ट्रीय रैड क्रॉस और रैड क्रैसेंट महासंघ (IFRC) ने 1 लाख 10 हज़ार से अधिक लोगों को पीने का सुरक्षित पानी, स्वास्थ्य सेवाएँ, टेंट के लिए तिरपाल, महिलाओं और बच्चों के लिए आवश्यक वस्तुएँ उपलब्ध कराईं.यह संगठन अब तक 250 मीट्रिक टन राहत सामग्री और हर दिन 2 लाख 20 हज़ार लीटर से अधिक सुरक्षित पेयजल म्याँमार पहुँचा चुका है. लेकिन IFRC की 12 करोड़ 10 लाख डॉलर की अपील के जवाब में, अभी तक इसकी केवल 15 प्रतिशत धन-राशि ही प्राप्त हुई है.गरिमा के साथ जीने का अधिकारOCHA की क्रिस्टीना पॉवेल ने अन्तरराष्ट्रीय समुदाय से अपील की कि म्याँमार की जनता को "सुरक्षा और गरिमा के साथ जीने का अधिकार" सुनिश्चित करने के लिए उन्हें आगे आकर मदद करनी चाहिए.उन्होंने ज़ोर देते हुए कहा, "संसाधनों की तत्काल और पर्याप्त आपूर्ति तथा सभी समुदायों तक लगातार पहुँच बेहद ज़रूरी है, ताकि हालात और अधिक नहीं बिगड़ें."
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