नई दिल्ली। प्रधानमंत्री ने नोटबंदी जैसे ऐतिहासिक कदम
के लिए अपने कुछ ऐसे भरोसेमंद अफसरों को चुना, जिन्हें देश के वित्तीय हलके में कम लोग ही जानते थे। उनके इस कदम ने रातोरात देश
की 86 फीसदी नकदी को बेकार कर दिया और अर्थव्यवस्था को भारी मुश्किल
में डाल दिया है।
राजस्व सचिव हसमुख अधिया के साथ पांच अन्य
जिन लोगों को इस बात की जानकारी थी, उन्होंने इसे
बेहद गोपनीय रखा। उनके साथ युवा रिसर्चर्स की एक टीम थी जो प्रधानमंत्री के नई दिल्ली
स्थित ऑफ़िस में ही बैठकर काम करती थी। यह गोपनीयता इसलिए बेहद जरूरी थी, ताकि पहले से जानकारी हासिल कर संदिग्ध लोग सोना, प्रॉपर्टी या अन्य कोई संपत्ति ख़रीदकर अपने काले धन को ठिकाने
न लगा लें।
नोटबंदी को ऐसे रखा गया था सीक्रेट
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