झाँसी : उद्योग लगाने के लिए लीज पर ज़मीन लेकर शान्त बैठने वाले कागजी उद्यमियों पर उद्योग विभाग की ऩजरे टेढ़ी हो गई हैं। प्रथम सर्वे में ऐसे 27 उद्यमी चिह्नित किए गए हैं, जिन्होंने दावे के अनुरूप उद्योग स्थापित नहीं किया। इन्हें नोटिस देकर स्पष्टीकरण मांगा गया है। विभाग की इस कार्यवाही से सकते में आए कुछ उद्यमियों ने इकाई स्थापना के लिए समय माँगा है, जबकि बहुतेरे उद्यमियों के पास कोई जवाब नहीं है, जिनका आवण्टन निरस्त होने की पूरी सँभावना है।झाँसी में औद्योगिक विकास की संभावनाओं को देखते हुए शासन द्वारा कई तरह की योजनाएं चलाई जाती हैं। उद्यमियों को कम दरों पर भूखण्ड तक उपलब्ध कराया जाता है, ताकि इकाई स्थापना में कठिनाई न हो। इसके बावजूद झाँसी में औद्योगिक विकास सपना ही बनकर रह गया है। यह स्थिति तब है, जब झाँसी में रेलवे और सड़क यातायात की बेहतर व्यवस्था है। औद्योगिक विकास न होने की वजह कई हो सकती हैं,लेकिन रोड़ा उन `कागजी उद्यमियों` ने भी अटका रखा है, जो उद्यमी बनकर योजना का लाभ तो लेते हैं, पर उद्योगों का विकास नहीं करते हैं। [@ अब नोट जमा कराए तो पूछेंगे,कहां थे अब तक]
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