वॉशिंगटन| अमेरिका ने दो टूक कहा है कि वह ईरान के साथ वार्ता के लिए एकतरफा प्रोत्साहन नहीं देगा। सिन्हुआ न्यूज एजेंसी की रिपोर्ट के मुताबिक, विदेश विभाग के प्रवक्ता नेड प्राइस ने डेली ब्रीफिंग के दौरान गुरुवार को पत्रकारों को बताया कि "हम ईरानियों को वार्ता की मेज पर आने हेतु प्रेरित करने के लिए कोई एकतरफा इशारा या प्रोत्साहन नहीं देंगे।" ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
उन्होंने यह भी कहा, "अगर ईरानी यह सोच रहे हैं कि जेसीपीओएए (ज्वाइंट कॉम्प्रिहेंसिव प्लान ऑफ एक्शन) के साथ पूर्ण अनुपालन को फिर से शुरू करने के लिए उनकी ओर से कोई भी पहल नहीं होने की स्थिति में हम एकतरफा वार्ता का संकेत देंगे तो वे गलत सोच रहे हैं।"
अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकेन ने बुधवार को कांग्रेस की सुनवाई में स्पष्ट किया कि वाशिंगटन तेहरान के साथ केवल बैठक करने के लिए कोई रियायत नहीं देगा।
ब्लिंकेन ने उन मीडिया रिपोटरें को भी खारिज कर दिया जिसमें कहा गया है कि 2015 के ईरान परमाणु समझौते के साथ तेहरान के "अनुपालन में वापस आने" से पहले दक्षिण कोरिया कुर्क की गई ईरानी परिसंपत्तियों को जारी कर देगा।
गौरतलब है कि परमाणु समझौते को पुनर्जीवित करने को लेकर अमेरिका और ईरान में अभी भी गतिरोध बना हुआ है।
बाइडेन प्रशासन ने कहा कि अगर ईरान जेसीपीओएए के साथ पूर्ण अनुपालन पर लौटता है, तो अमेरिका भी ऐसा ही करेगा। लेकिन, ईरान ने इस बात पर जोर दिया कि इसका अनुपालन केवल तभी किया जाएगा जब अमेरिकी प्रतिबंध हटा दिए जाएं।
तेहरान ने हाल ही में यूरोपीय देशों और अमेरिका के साथ परमाणु वार्ता करने के लिए यूरोपीय संघ के एक प्रस्ताव को भी खारिज कर दिया था।
2018 में परमाणु समझौते से अमेरिका के हटने और प्रतिबंधों के दोबारा लगाए जाने के जवाब में ईरान ने इस समझौते के तहत अपने कुछ दायित्वों को लागू नहीं किया है।
--आईएएनएस
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