महासागर की रक्षा के लिए तुरन्त क़दम उठाए जाने के आहवान और 170 से अधिक देशों द्वारा समर्थित एक राजनैतिक घोषणापत्र के पारित होने के साथ ही, फ़्राँस के नीस शहर में आयोजित तीसरा यूएन महासागर सम्मेलन शुक्रवार को समाप्त हो गया. आर्थिक व सामाजिक मामलों के लिए यूएन अवर महासचिव और इस सम्मेलन के महासचिव ली जुनहुआ ने बताया कि यह ऐतिहासिक सप्ताह न केवल आशा, बल्कि ठोस प्रतिबद्धताओं, स्पष्ट दिशा और तेज़ गति से आगे बढ़ने के साथ पूरा हुआ है.फ़्राँस और कोस्टा रीका की सह-मेज़बानी में, भूमध्यसागर के तट पर नीस शहर में आयोजित इस पाँच दिवसीय सम्मेलन में 60 से अधिक राष्ट्राध्यक्षों व सरकार प्रमुखों समेत 15 हज़ार से अधिक प्रतिभागी जुटे. Tweet URL
इस सम्मेलन, न्यूयॉर्क (2017) और लिस्बन (2022) में महासागर संरक्षण के लिए आयोजित शिखर बैठकों की बुनियाद पर कार्रवाई का रास्ता बनाया गया.इसके तहत, समुद्री संरक्षण, प्रदूषण पर लगाम, उच्च सागर क्षेत्र (राष्ट्रीय सीमाओं से परे अन्तरराष्ट्रीय जल क्षेत्र) में नियामन, और तटीय इलाक़ों व द्वीपीय देशों की रक्षा के लिए उपायों का खाका प्रस्तुत किया गया.इस सम्मलेन के दौरान, ‘नीस महासागर कार्रवाई योजना’ को आकार दिया गया, जोकि दो हिस्सों वाला एक फ़्रेमवर्क है: एक राजनैतिक घोषणापत्र, और सरकारों, वैज्ञानिकों, यूएन एजेंसियों, नागरिक समाज द्वारा लिए गए 800 से अधिक स्वैच्छिक संकल्पों का पुलिन्दा.इन संकल्पों में युवजन द्वारा पैरोकारी प्रयास, गहरे समुद्र में स्थिति पारिस्थितिकी तंत्रों के प्रति जागरुकता, विज्ञान व नवाचार में क्षमता निर्माण और अन्तर-सरकारी सन्धियों पर मुहर लगाने समेत अन्य संकल्प हैं.महत्वाकाँक्षी घोषणाएँइस सप्ताह की गई घोषणाएँ, महासागरों पर मंडराते संकट की व्यापकता को दर्शाती हैं.योरोपीय आयोग ने महासागर संरक्षण, विज्ञान, और सतत ढंग से मछली पकड़ने के लिए एक अरब यूरो के निवेश की बात कही है.फ़्रेंच पोलेनेशियाने विश्व में सबसे बड़े समुद्री संरक्षित इलाक़े को विकसित करने का संकल्प जताया है. स्पेन ने पाँच नए समुद्री संरक्षित इलाक़ों की घोषणा की है.जर्मनी ने समुद्री जलसतह के भीतर, बाल्टिक व उत्तरी सागर से आयुध सामग्री हटाने के लिए 10 करोड़ यूरो के एक कार्यक्रम की घोषणा की है. वहीं, न्यूज़ीलैंड ने प्रशान्त महासागर क्षेत्र में देखरेख व्यवस्था को मज़बूती देने के लिए पाँच करोड़ डॉलर की प्रतिबद्धता व्यक्त की है.पनामा व कैनेडा की अगुवाई में 37 देशों के एक समूह ने जल सतह के नीचे ध्वनि प्रदूषण से निपटने के लिए एक नई पहल शुरू की है.यूएन अवर महासचिव ली जुनहुआ ने कहा कि बदलाव के लिए लहरें तैयार हैं. अब यह हमारा साझा दायित्व है कि इन्हें हमारे लोगों, हमारे ग्रह और भावी पीढ़ियों के लिए आगे ले जाया जाए.अहम पड़ावमहासागर से जुड़े मामलों के लिए यूएन के विशेष दूत पीटर थॉम्पसन ने कहा कि नीस सम्मेलन एक महत्वपूर्ण मोड़ है. उन्होंने यूएन न्यूज़ के साथ एक बातचीत मे कहा कि सम्मेलन के दौरान जो कुछ होता है, उससे ज़्यादा अहम है कि बाद में क्या होगा.विशेष दूत ने उन दिनों को याद किया जब टिकाऊ विकास के 14वें लक्ष्य, जल सतह के नीचे जीवन, को पहली बार स्थापित किया गया था. 2015 में उसके बाद से अब तक, उन्होंने इस दिशा में भागेदारी व पारस्परिक सम्वाद को बढ़ते हुए देखा है.पीटर थॉम्पसन ने बताया कि अब ध्यान चौथे यूएन महासागर सम्मेलन पर केन्द्रित होगा, जोकि चिली व दक्षिण कोरिया द्वारा 2028 में आयोजित किया जाएगा.
UN Video/Brianna Rowe
महासागर संरक्षण प्रयासों के लिए यूएन महासचिव के विशेष दूत, पीटर थॉम्पसन.
उनका मानना है कि इस दिशा में क़दमों की गति तेज़ हो जाएगी. उच्च सागर जल क्षेत्र संरक्षण के लिए सन्धि, मछली पकड़ने के लिए सब्सिडी पर समझौता, और प्लास्टिक पर भावी वैश्विक सन्धि पर तब तक मुहर लगने और उनके लागू होने की उम्मीद है.2028 में सम्मेलन के दो वर्ष के भीतर ही, 2030 में टिकाऊ विकास लक्ष्यों, एसडीजी 14 को पूरा करने की समयसीमा भी होगी.उन्होंने कहा कि इस लक्ष्य के तहत आरम्भ में 2020 तक 10 फ़ीसदी महासागर संरक्षण का लक्ष्य रखा गया था, जिसे हासिल करने में दुनिया विफल साबित हुई. अब 2030 तक 30 प्रतिशत संरक्षण का लक्ष्य है.विशेष दूत ने महत्वाकाँक्षी समुद्री संरक्षण लक्ष्य स्थापित करने के लिए लघु द्वीपीय विकासशील देशों की सराहना की, और कहा कि यदि छोटे देश इतने बड़े उपाय कर सकते हैं, तो फिर बड़े देश ऐसा क्यों नहीं कर सकते हैं.
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