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रहना है स्वस्थ तो कुछ आदतों को कहें न, 'आदर्श आहार' अपनाने से होगा लाभ

If you want to stay healthy, say no to some habits, adopting ideal diet will be beneficial - Health Tips in Hindi

नई दिल्ली । जब शरीर को स्वस्थ रखने की बात आती है, तो हमारे खानपान की आदतें इसमें अहम भूमिका निभाती हैं, वहीं भारत की प्राचीन चिकित्सा प्रणाली आयुर्वेद के अनुसार, जीवन को स्वस्थ और संतुलित रखने के लिए संतुलित आहार अत्यधिक महत्वपूर्ण है। भोजन को न केवल शारीरिक बल्कि मानसिक स्वास्थ्य के लिए भी आधारभूत तत्व माना गया है। चरक संहिता में बताया गया है कि भोजन ही प्राण है और एक आदर्श आहार से ही संतोष, पोषण, बल और मेधा की प्राप्ति होती है। यह केवल बीमारियों का इलाज नहीं करता, बल्कि जीवनशैली, आहार, दिनचर्या और मानसिक व्यवहार पर भी गहन ध्यान देता है। इसमें कुछ चीजें और आदतें ऐसी मानी गई हैं जो शरीर के लिए हानिकारक होती हैं, इसलिए उन्हें "निषेध" कहा गया है।
चरक संहिता में कुछ ऐसे खाद्य पदार्थों के संयोजन बताए गए हैं जो विपरीत गुणों वाले होते हैं और जिनका सेवन एक साथ नहीं करना चाहिए। उदाहरण के लिए, दूध और मछली का सेवन एक साथ नहीं करना चाहिए, क्योंकि दूध ठंडा होता है और मछली गर्म होती है। वहीं, भोजन को धीरे-धीरे और चबा-चबाकर खाना चाहिए; जल्दी-जल्दी खाने से पाचन ठीक से नहीं होता है। भोजन को बार-बार गर्म करके नहीं खाना चाहिए। इससे भोजन के पोषक तत्व कम हो जाते हैं और साथ ही यह स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है।
सुश्रुत संहिता के अनुसार, अत्यधिक भोजन करना, दिन में सोना, देर रात तक जागना जैसी चीजें वर्जित मानी गई हैं। यह कफ को बढ़ाता है, जिससे मोटापा और एलर्जी होती है। वहीं, रात में जागने से फैट, मानसिक तनाव, अनिद्रा और थकावट जैसी समस्याएं होने लगती हैं। खाने के बाद तुरंत बाद भी नहीं सोना चाहिए, इससे पाचन शक्ति कमजोर होती है।
आयुर्वेद के अनुसार आपको क्रोध, चिंता, ईर्ष्या जैसी नकारात्मक भावनाओं को अनुभव करने से शरीर और मन पर बुरा असर पड़ता है। यह शरीर में विष की तरह फैलकर वात-पित्त-कफ को बढ़ाने में मदद करते हैं। सुश्रुत संहिता में कहा गया है कि अत्यधिक काम, नींद की कमी और मानसिक तनाव से बचना चाहिए, क्योंकि ये मानसिक और भावनात्मक समस्याओं को बढ़ा सकते हैं।
13 प्रकार के प्राकृतिक वेग जैसे मल, मूत्र, छींक, जम्हाई, आंसू जैसी चीजें बताई गई हैं, जिनका रोका जाना निषेध माना गया है। इन्हें रोकने से शरीर में गंभीर रोग हो सकते हैं जैसे कि सिरदर्द, हृदय रोग, त्वचा रोग आदि।
--आईएएनएस

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Tags: healthy, diet
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