2019 और 2021 के बीच केवल दो वर्षों की अवधि में, दुनिया भर में जीवन प्रत्याशा में 1.8 वर्षों की कमी दर्ज की गई है जोकि हाल के इतिहास में सबसे अधिक गिरावट है. विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने कहा है कि यह गिरावट, विशेष रूप में कोविड-19 की काली छाया में दर्ज की गई है. WHO के मुखिया डॉक्टर टैड्रॉस ऐडहेनॉम घेबरेयेसस ने गुरूवार को कहा, “हर आँकड़े के पीछे एक इनसान होता है, कोई बच्चा जो अपना पाँचवाँ जन्मदिन नहीं मना सका, कोई माँ जो प्रसव के दौरान मौत के मुँह में चली गई, या कोई ऐसा जीवन जो एक रोकी जा सकने वाली बीमारी के कारण, समय से पहले ख़त्म हो गया.” Tweet URL
WHO द्वारा जारी ताज़ा रिपोर्ट में, स्वास्थ्य पर महामारी के गहरे असर को उजागर किया गया है.कार्रवाई की अपीलWHO ने आगाह किया है कि अब तक हुई प्रगति ख़तरे में है और सरकारों से “तत्काल, प्रतिबद्ध और जवाबदेह कार्रवाई” की अपील की. WHO प्रमुख ने इन आँकड़ों के पीछे की “टाली जा सकने वाली त्रासदियों” पर चिन्ता जताई.WHO की वर्ष 2025 की रिपोर्ट के अनुसार, साल 2024 के अन्त तक लगभग एक अरब 40 करोड़ लोग पहले से अधिक स्वस्थ जीवन जी रहे थे. यह संख्या WHO द्वारा रखे गए एक अरब के लक्ष्य से कहीं आगे है. यह प्रगति धूम्रपान में कमी, बेहतर वायु गुणवत्ता और साफ़ पानी, स्वच्छता व स्वास्थ्य सेवाओं की बेहतर पहुँच के कारण सम्भव हो सकी.हालाँकि, प्राथमिक स्वास्थ्य सेवाओं में निवेश की कमी, प्रशिक्षित स्वास्थ्यकर्मियों की भारी कमी और टीकाकरण व सुरक्षित प्रसव जैसी सेवाओं में ख़ामियाँ, अब देशों की प्रगति में बाधा बन रही हैं.तेज़ी से बढ़ती जनसंख्या और उम्रदराज़ होती आबादी के कारण, कैंसर और मधुमेह जैसी गै़र-संचारी बीमारियों से समय से पहले होने वाली मौतें लगातार बढ़ रही हैं. वर्तमान में, ये बीमारियाँ दुनिया भर में 70 साल से कम उम्र के लोगों की मौत का सबसे बड़ा कारण बन चुकी हैं.इसके आलावा, वायु प्रदूषण अब भी दुनियाभर में जन स्वास्थ्य को नुक़सान पहुँचा रहा है.लाखों ज़िन्दगियों पर मंडराता ख़तरासाल 2000 से 2023 के बीच मातृ मृत्यु दर में 40 प्रतिशत से अधिक की गिरावट आई और पाँच वर्ष से कम उम्र के बच्चों की मृत्यु में आधे से ज़्यादा की कमी दर्ज की गई.लेकिन कई देशों में यह प्रगति या तो थम गई है या उलटने लगी है. मातृ और बाल मृत्यु दर पर्याप्त तेज़ी से नहीं घटने की वजह से, लाखों जिन्दगियाँ ख़तरे में पड़ गई हैं.WHO के आँकड़ों के अनुसार, बुनियादी स्वास्थ्य सेवाओं की कवरेज और आपात स्थितियों में सुरक्षा की अब भी कमी है. अगर तत्काल क़दम नहीं उठाए गए, तो WHO का अनुमान है कि 2024 से 2030 के बीच, दुनिया 7 लाख महिलाओं और पाँच साल से कम उम्र के 80 लाख बच्चों की मौत का जोखिम उठाएगी.
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