संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने घातक स्वायत्त या स्वचालित हथियार प्रणालियों पर वैश्विक प्रतिबन्ध लगाने का एक बार फिर आहवान है और उन्हें "राजनैतिक रूप से अस्वीकार्य" व "नैतिक रूप से घृणित" बताया. ये ऐसी घातक मशीनें हैं जो मानवीय निगरानी के बिना, इनसानी जीवन ख़त्म सकती हैं. यूएन प्रमुख एंतोनियो गुटेरेश ने, हाल ही में न्यूयॉर्क में आयोजित एक अनौपचारिक बैठक में कहा, "हमारी दुनिया में घातक स्वायत्त हथियार प्रणालियों के लिए कोई जगह नहीं है.""जिन मशीनों में मानवीय नियंत्रण के बिना, मानव जीवन ख़त्म कर देने की शक्ति और विवेक है, उन्हें अन्तरराष्ट्रीय क़ानून के ज़रिए प्रतिबन्धित किया जाना चाहिए."न्यूयॉर्क में हुई इस दो दिवसीय बैठक में सदस्य देशों, अकादमिक विशेषज्ञों और नागरिक समाज के प्रतिनिधियों ने शिरकत करके, इन घातक हथियार प्रणालियों द्वारा उत्पन्न मानवीय और मानवाधिकार जोखिमों पर चर्चा की.बैठक का लक्ष्य: इन घातक स्वायत्त हथियारों के उपयोग को विनियमित करने और प्रतिबन्धित करने के लिए क़ानूनी रूप से बाध्यकारी समझौते के लिए आधार तैयार करना.मानवीय नियंत्रण महत्वपूर्ण हैस्वायत्त हथियार प्रणालियों की वैसे तो, अन्तरराष्ट्रीय स्तर पर कोई स्वीकृत परिभाषा नहीं है, मोटे तौर पर इन प्रणालियों से आशय उन उन्नत ड्रोन जैसे हथियारों से है जो स्वयं ही लक्ष्य चुनते हैं और मानवीय निर्देश के बिना ही, बल का प्रयोग करते हैं, यानि निशाने पर हमला करते हैं.यूएन महासचिव ने इस बैठक को दिए अपने सन्देश में कहा कि किसी भी नियम-क़ानून यानि विनियमन और इन हथियारों के प्रयोग पर रोक लगाने यानि निषेध व्यवस्था को लोगों को जवाबदेह बनाना होगा. © UNFPA Botswana एंतोनियो गुटेरेश ने कहा इन हथियारों द्वारा, "बल के प्रयोग पर मानवीय नियंत्रण आवश्यक है. हम जीवन-या-मृत्यु के निर्णय मशीनों को नहीं सौंप सकते."ऐसी पर्याप्त चिन्ता है कि स्वायत्त हथियार प्रणालियाँ, युद्ध से मानवीय निर्णय को हटाकर, अन्तराष्ट्रीय मानवीय और मानवाधिकार क़ानूनों का उल्लंघन करती हैं.संयुक्त राष्ट्र प्रमुख ने सदस्य देशों से, 2026 तक ऐसी प्रणालियों पर स्पष्ट नियम-क़ानून यानि विनियमन और निषेध निर्धारित करने का आहवान किया है.बाध्यकारी समझौते की दिशा मे बढ़तसंयुक्त राष्ट्र के सदस्य देशों ने कुछ पारम्परिक शस्त्रों पर सन्धि (CCW) के तहत, वर्ष 2014 से, स्वायत्त हथियार प्रणालियों के लिए विनियमन पर विचार किया है. यह सन्धि ऐसे हथियारों से सम्बन्धित है जो मानवीय क़ानून का उल्लंघन कर सकते हैं.सितम्बर 2024 में अपनाए गए ‘भविष्य के लिए समझौते’ में लगातार विकसित हो रही हथियार प्रौद्योगिकियों का शस्त्रों में प्रयोग और फिर इन हथियारों के दुरुपयोग से बचने का आहवान शामिल था.लगभह 270 समाज संगठनों ने, Stop Killer Robots नामक एक गठबन्धन बनाया है जिसने इस सप्ताह हुई इस बैठक में भी अपने विचार रखे.इस संगठन की कार्यकारी निदेशक निकोल वैन रूइजेन ने यूएन न्यूज़ को बताया कि कुछ प्रमुख मुद्दों पर आम सहमति बनने लगी है, जिसे उन्होंने "बहुत बड़ा सुधार" क़रार दिया.हालाँकि, अब भी कुछ अन्य मुद्दों पर मतभेद क़ायम हैं. उदाहरण के लिए, यह स्पष्ट नहीं है कि स्वायत्त हथियार प्रणाली की क्या विशेषता है और "सार्थक मानव नियंत्रण" को वैध बनाने का क्या मतलब होगा.निकोल वैन रूइजेन ने कहा कि अब तक की बातचीत केवल परामर्श तक ही सीमित रही है और अभी निर्णायक बातचीत के स्तर पर नहीं पहुँचा गया है. "यह एक समस्या है."'समय हाथ से निकल रहा है'यूएन महासचिव ने यह कहते हुए स्वायत्त हथियार प्रणालियों पर प्रतिबन्ध लगाने का बार-बार आहवान किया है कि मानवता के भाग्य को "काले बक्से" पर नहीं छोड़ा जा सकता है.हालाँकि, हाल ही में, इस मुद्दे पर अधिक तत्परता देखी गई है, जोकि आंशिक रूप से कृत्रिम बुद्धिमत्ता, अल्गोरिदम और अन्ततः समग्र रूप से स्वायत्त प्रणालियों की तेज़ी से विकसित होती प्रकृति के कारण है.निकोल रूइजेन ने बताया, "हम जितने अधिक समय तक प्रतीक्षा करेंगे, हमारी निष्क्रियता की क़ीमत उतनी ही अधिक होगी."उन्होंने यह भी कहा कि प्रणालियों को विकसित करना कम ख़र्चीला होता जा रहा है, जो सरकार और ग़ैर-सरकारी पक्षों - दोनों के हाथों में इन हथियार प्रणालियों के प्रसार के बारे में चिन्ताएँ उत्पन्न करता है.महासचिव ने स्वायत्त हथियार प्रणालियों के बारे में विनियमन स्थापित करने यानि आवश्यक क़ानून बनाने में "तात्कालिक आवश्यकता" को भी रेखांकित किया.एंतोनियो गुटेरेश ने कहा, "निवारक (रोकथाम) कार्रवाई करने का समय हाथ से निकलता जा रहा है."
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