काबुल। अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में सोमवार सुबह हुए एक आत्मघाती हमले में 12 लोगों की मौत हुई है। हमला उस वक्त हुआ जब सोमवार को दो हजार से ज्यादा मौलवी और धर्म गुरू आतंकवाद के खिलाफ और शांति स्थापित करने के लिए हो रही एक बैठक में शिरकत करने पहुंचे थे। हमले में मरने वालों का आंकड़ा बढऩे की आंशका है।
धार्मिक संस्था ने फतवा जारी कर आत्मघाती हमलों को बताया हराम
यहां की एक शीर्ष धार्मिक संस्था ने एक फतवा जारी करते हुए इस्लामिक कानून के तहत आत्मघाती हमलों को हराम करार दिया है। इस बैठक में अफगान उलेमा काउंसिल के सदस्यों की एक सभा में फतवा जारी किया। काउंसिल में मौलवी, विद्वान और धर्म और कानून से जुड़े लोग शामिल हैं।
दोनों पक्षों के बीच शांति वार्ता का किया आह्वान
काउंसिल ने अफगान सरकार की सेना और तालिबान, अन्य आंतकवादियों से लड़ाई रोकने और संघर्ष विराम पर सहमति बनाने की अपील की। उसने दोनों पक्षों के बीच शांति वार्ता का भी आह्वान किया। यह पहली बार है जब काउंसिल ने ऐसी अपील की है।
काउंसिल के सदस्य घोफ्रानुल्लाह मुराद ने सभा के एक लिखित बयान को पढक़र बताया कि अफगानिस्तान के निर्दोष पुरुष, महिलाएं और बच्चे युद्ध पीडि़त हैं।
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