संयुक्त राष्ट्र। भारत ने कहा है कि अफगानिस्तान की स्थिरता और सुरक्षा पूरे क्षेत्र से जुड़ी है। अपने इस कथन के साथ ही भारत ने पाकिस्तान में मौजूद ‘विशेष आतंकवादी क्षेत्रों’ का सफाया करने की मांग की है, जहां लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) और जैश-ए-मोहम्मद (जेईएम) जैसे आतंकवादी संगठनों ने अपने ठिकाने बना रखे हैं। संयुक्त राष्ट्र महासभा में भारत के स्थायी उपप्रतिनिधि तन्मय लाल ने सोमवार को एक चर्चा के दौरान कहा, अंतर्राष्ट्रीय कानून के खिलाफ गतिविधियां संचालित करने वाले तालिबान, हक्कानी नेटवर्क, इस्लामिक स्टेट (आईएस), अलकायदा और एलईटी और जेईएम जैसे उसके सहयोगी गुटों को अफगानिस्तान के बाहर जो समर्थन मिलता है, उससे निपटने की जरूरत है। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
लाल ने पाकिस्तान का नाम लिए बिना कहा, अफगानिस्तान के बाहर मौजूद विशेष आतंकवादी क्षेत्रों, सुरक्षित पनाहगाहों और शरणस्थलों को खत्म करना जरूरी है। उन्होंने कहा, वैश्विक आतंकवाद से निपटने के लिए अंतर्राष्ट्रीय समुदाय के व्यापक, अटल और एकजुट कदम की जरूरत है। उन्होंने कहा, अफगानिस्तान की सुरक्षा और स्थिरता पूरे क्षेत्र से जुड़ी है। लाल ने क्षेत्र में आतंकवाद से लडऩे के लिए पर्याप्त कदम उठाने में नाकाम रहने को लेकर संयुक्त राष्ट्र की आलोचना भी की।
लाल ने कहा, इस समय जब इस विषय पर चर्चा जारी है, हमें अफगानिस्तान को आईएस से नए खतरों के बारे में पता चला है। उन्होंने कहा, अफगानिस्तान में जहां आतंकवादी हमलों की व्यापकता बेतहाशा बढ़ गई है और आतंकवादी अफगानिस्तान के लोगों के संसाधनों और इलाकों पर कब्जा जमा रहे हैं, यहां इस निकाय में हमें कोई बड़ा बदलाव नजर नहीं आ रहा।
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