नई दिल्ली। अमेरिकी रक्षा मंत्री जेम्स मैटिस सोमवार से भारत के दौरे पर आ रहे हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के शपथ लेने के बाद यह पहली बार है जब कोई अमेरिकी कैबिनेट मंत्री भारत आ रहा है। मोदी और ट्रम्प की जून में अमेरिका में मुलाकात हुई थी। तब मैटिस के भारत दौरे का फैसला लिया गया था। जानकारी के मुताबिक मैटिस सोमवार शाम भारत पहुंचेंगे। इस दौरान वे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल और रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण से भी मुलाकात करेंगे। मैटिस के इस दौरे के दौरान दोनों देशों के बीच कई अहम रक्षा समझौतों पर मुहर लग सकती है। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
ऐसा माना जा रहा है कि भारत में मैटिस की यात्रा के दौरान फाइटर जेट एफ-16, ड्रोन डील के अलावा अफगानिस्तान को लेकर सुरक्षा की साझा चिंताओं का मुद्दा अजेंडे के टॉप में होगा। सूत्रों के मुताबिक इस यात्रा का उपयोग भारत-अमेरिका सैन्य संबंधों का दर्जा उन्नत करने में होगा। इसके तहत अफगानिस्तान में बढ़े सामरिक सहयोग प्रदर्शित करने के साथ भारत-प्रशांत क्षेत्र में नौवहन सुरक्षा एवं कानून के शासन को मजबूत करने के लिए नई संस्थागत प्रणालियां विकसित करने पर भी बात होगी। मैटिस की 26 और 27 सितंबर की भारत यात्रा के दौरान किसी खास रक्षा व्यापार समझौते की घोषणा नहीं होने जा रही है।
उन्होंने बताया कि पीएम मोदी के मेक इन इंडिया अभियान के तहत आने वाले एफ-16 और एफ-18ए के दो विशिष्ट प्रस्तावों पर चर्चा होगी। इसके अलावा महत्त्वकांक्षी डिफेंस टेक्नॉलजी ऐंड ट्रेड इनिशटिव्ज परियोजना के तहत नई परियाजनाओं की पहचान करने के प्रयास भी किए जाएंगे। ट्रंप प्रशासन, अमेरिकी कंपनियों बोइंग और लॉकहीड मार्टिन द्वारा निर्मित क्रमशरू एफ-18 और एफ-16 लडाकू विमानों को भारत को बेचना चाहता है। दोनों कंपनियों ने इन विमानों की असेंबलिंग भारत में करने की पेशकश की है।
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