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दिलीप घोष ने लिया यूटर्न, कहा बंगाल विभाजन के पक्ष में नहीं

Dilip Ghosh makes U turn, says not in favour of division of Bengal - Kolkata News in Hindi

कोलकाता। राज्य भाजपा अध्यक्ष दिलीप घोष के केंद्रीय मंत्री जॉन बारला के साथ खड़े होने और उत्तर बंगाल के लिए अलग राज्य की वकालत करने के कुछ ही घंटों बाद उन्होंने यूटर्न ले लिया और कहा कि किसी ने भी राज्य के विभाजन के बारे में बात नहीं की। सोमवार शाम को उत्तर बंगाल में एक कार्यक्रम में बोलते हुए घोष ने कहा, "किसी ने बंगाल के बारे में बात नहीं की, हम राज्य विभाजन के पक्ष में नहीं हैं।" राज्य के उत्तर-दक्षिण विभाजन पर टिप्पणी के लिए पार्टी के भीतर आलोचना किए जाने के कुछ ही घंटों बाद घोष की यह प्रतिक्रिया आई है।
घोष ने कहा, "बंगाल के किसी भी हिस्से के बारे में किसी ने कुछ नहीं कहा। उत्तर बंगाल के लोग, जंगल महल के लोग 60-65 साल से वंचित हैं। वे अभी भी नौकरी के लिए दूसरे राज्यों में जा रहे हैं। पढ़ाई, इलाज के लिए बाहर जा रहे हैं। जमीनी स्तर के बदमाश मौके का फायदा उठा रहे हैं और लोगों को प्रताड़ित कर रहे हैं। नतीजा ये है कि इन इलाकों के निवासियों को लगता है कि अगर वे एक साथ काम करेंगे तो कोई सुधार नहीं होगा। इसलिए, उन्होंने एक अलग राज्य की मांग की है।"

घोष के करीबी सूत्रों ने बताया कि राज्य के बंटवारे की बात कहने के बाद उन्हें अपनी ही बात ्र्नपर पर्दा डालना पड़ा।

घोष ने शनिवार को एक कार्यक्रम में कहा था, "इसकी पूरी जिम्मेदारी ममता बनर्जी की है। आजादी के 75 साल बाद उत्तर बंगाल के लोगों को नौकरी, शिक्षा और स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए दूसरे राज्यों में क्यों जाना पड़ रहा है? जंगलमहल में यह स्थिति है। जंगलमहल की महिलाओं को आजीविका के लिए साल और तेंदूपत्ता पर क्यों निर्भर रहना पड़ेगा। उन्हें नौकरी के लिए ओडिशा, रांची और गुजरात क्यों जाना पड़ता है।"

उन्होंने कहा, "अगर उन्होंने (भाजपा सांसदों ने) ऐसी मांग (राज्य का विभाजन) की है, तो यह अनुचित नहीं है।"

घोष की टिप्पणी से राज्य भाजपा सहित पूरे राज्य में बहस छिड़ गई। केंद्रीय मंत्री और अलीपुरद्वार जिले के सांसद जॉन बारला के बगल में घोष का खड़ा होना, जो लंबे समय से अलग राज्य की मांग कर रहे हैं, को पार्टी से ही कड़ी प्रतिशोध का सामना करना पड़ा। लॉकेट चटर्जी और राहुल सिन्हा जैसे वरिष्ठ नेताओं ने इस मुद्दे पर घोष के खिलाफ बात की।

चटर्जी, जो हुगली से सांसद भी हैं, उन्होंने कहा, "हम राज्य का विभाजन कभी नहीं चाहते हैं। बंगाल की संस्कृति अलग है। हम सद्भाव से रहते हैं और बंगाल हम में से प्रत्येक को बहुत प्रिय है।"

भाजपा के राष्ट्रीय सचिव राहुल सिन्हा ने बिना किसी का नाम लिए कहा, "जो लोग राज्य का नाम बदलना चाहते हैं और भौगोलिक रूप से राज्य को विभाजित करना चाहते हैं, वे रवींद्रनाथ टैगोर का अपमान कर रहे हैं।"

--आईएएनएस

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Web Title-Dilip Ghosh makes U turn, says not in favour of division of Bengal
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