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यूपी सरकार की एक और पहल, कुशीनगर में शुरू हुआ 'बनाना फेस्टिवल'

Banana Festival started in Kushinagar, another initiative of UP government - Gorakhpur News in Hindi

गोरखपुर। यूपी के झांसी में स्ट्राबेरी महोत्सव, लखनऊ में राज्य गुड़ महोत्सव, सिद्धार्थनगर में कालानमक चावल महोत्सव का सफल आयोजन करा चुकी योगी सरकार कुशीनगर में 'बनाना फेस्टिवल' (केला महोत्सव) आयोजित करा रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आत्मनिर्भर भारत की परिकल्पना को साकार करने की मंशा से 22 मार्च से कुशीनगर के बुद्धा पार्क में शुरू इस चार दिवसीय केला महोत्सव में 35 किसानों और उद्यमियों ने स्टाल लगाए हैं। यहां पहुंच रहे लोग यह देख उत्साहित हैं कि जिस केले को हम खाकर उसका छिलका फेंक देते हैं, उस केले के पौधे का तो हर भाग उपयोगी है। केले के रेशे से बनाए गए कपड़े, चप्पल, दरी और तमाम सजावटी समान लोगों का मन मोह ले रहे हैं। फूड प्रोसेसिंग से तैयार केले के पापड़, चिप्स और आचार की भी इस फेस्टिवल में धूम मच रही है।
केले से बने उत्पाद कुशीनगर जिले की ओडीओपी (एक जिला एक उत्पाद) योजना में शामिल हैं। बनाना फेस्टिवल के आयोजन से जिले में ओडीओपी योजना को भी धार दी जा रही है। आयोजन के जरिये केले के हर भाग के व्यावसायिक उपयोग से किसानों व इसकी प्रॉसेसिंग में लगे उद्यमियों की आर्थिक उन्नति की राह प्रशस्त करने की मंशा है। प्रदेश में किसानी के साथ उद्यमिता को बढ़ावा देने पर सरकार का विशेष ध्यान है। जिलों में पारम्परिक कृषि उत्पादों को नई प्रविधियों से प्रॉसेस कर राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय बाजार से कैसे जोड़ा जा सकता है, इसकी बानगी लखनऊ के राज्य गुड़ महोत्सव और सिद्धार्थनगर में कालानमक चावल महोत्सव के बाद कुशीनगर के केला महोत्सव में देखने को मिल रही है।

2018 में प्रदेश सरकार ने पारम्परिक उद्यम को बढ़ावा देने के लिए एक जिला एक उत्पाद (ओडीओपी) योजना शुरू की। कुशीनगर में केले की अच्छी खेती को देखते हुए केले के रेशे (फाइबर) से बने उत्पादों को जिले की ओडीओपी में चयनित किया गया। बाद में इसमें केले के अन्य उत्पादों को भी जोड़ दिया गया। वर्तमान में जिले में 4400 हेक्टेयर से अधिक भूमि पर केले की पैदावार हो रही है। 4000 किसान इसकी खेती से जुड़े हैं, तो ओडीओपी में शामिल होने के बाद करीब 500 लोग इसकी प्रॉसेसिंग में रोजगाररत हैं। जिला उपायुक्त, उद्योग व उद्यम प्रोत्साहन सतीश गौतम आशान्वित हैं कि बनाना फेस्टिवल से यह संख्या और बढ़ेगी।

प्रॉसेसिंग को बढ़ावा देने के लिए यहां एक सीएफसी (कॉमन फैसिलिटी सेंटर) की कार्ययोजना भी अंतिम प्रक्रिया में है। जिले में अभी बनाना फाइबर प्रॉसेसिंग की तीन यूनिट हैं और सीएफसी बनने से यह संख्या तेजी से बढ़ेगी।

केला फल के रूप में एक सम्पूर्ण पोषक खाद्य सामग्री तो है ही, प्रॉसेसिंग के जरिये इसका हर भाग उपयोगी है। सरकार द्वारा प्रॉसेसिंग को बढ़ावा दिए जाने से पहले फल का उपयोग कर बाकी हिस्से को फेंक दिया जाता था। अब केले से चिप्स, अचार व पापड़ बनाए जाने के साथ ही इसके पत्तों और तने के रेशों का विभिन्न उत्पाद बनाने में इस्तेमाल हो रहा है, अपशिष्ट से जैविक खाद भी बनाई जा रही है। पत्तों से प्लेट बन रही हैं, तो तने से निकाले गए रेशों से कपड़े, टोपी, फुटमैट और अन्य सजावटी सामान। बनाना फेस्टिवल में इन उत्पादों को स्टालों पर प्रदर्शित किया गया है। साथ ही किसानों को अधिक उत्पादकता हेतु प्रेरित करने को टिश्यू कल्चर से तैयार केले के पौधों के कई स्टाल लगाए गए हैं। आयोजन 25 मार्च तक है।

--आईएएनएस

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Web Title-Banana Festival started in Kushinagar, another initiative of UP government
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