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जयपुर। जल संसाधन मंत्री सुरेश सिंह रावत ने शुक्रवार को जल संसाधन विभाग, इंदिरा गांधी नहर विभाग और महत्वाकांक्षी संशोधित पीकेसी लिंक परियोजना के कार्यों पर समीक्षा बैठक ली। उन्होंने जल परियोजनाओं और बजट घोषणाओं की प्रगति पर 5 घंटे तक गहन समीक्षा कर आवश्यक दिशा-निर्देश प्रदान किए।
रावत ने बजट में घोषित जल परियोजनाओं के क्रियान्वयन में गति लाने तथा कार्यों को पूर्ण गुणवत्ता के साथ निर्धारित तय समय सीमा में पूरा करवाना सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के नेतृत्व में जल संसाधन के कार्यों को गति मिल रही है। मुख्यमंत्री की मंशा के अनुरूप जल संरक्षण और सतत् जलापूर्ति के लिए मजबूत आधारभूत संरचना विकसित करना विभाग की सर्वोच्च प्राथमिकता है। इसलिए विभागीय अभियंता हर स्तर पर प्रभावी निगरानी रखते हुए कार्यों को शीघ्र धरातल पर उतारें।
जल संसाधन मंत्री ने बजट वर्ष 2024-25 और 2025-26 की घोषणाओं में लम्बित कार्यों को लेकर नाराजगी जताई। उन्होंने कार्यों में लापरवाही बरतने वाले अभियंताओं को नोटिस देने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि अति महत्वपूर्ण यमुना जल परियोजना शेखावटी क्षेत्र में जल उपलब्धता की दिशा में ऐतिहासिक कदम है। इससे क्षेत्र में पेयजल और सिंचाई के लिए पर्याप्त जलापूर्ति का स्थाई समाधान हो सकेगा, इसके कार्यों में गंभीरता बरतें। उन्होंने जल उपभोक्ता संगमों के गठन प्रक्रिया में तेजी लाने के निर्देश दिए।
रावत ने धौलपुर लिफ्ट सिंचाई एवं पेयजल परियोजना में डिग्गी निर्माण, पाइप लाइन और सोलर प्लान्ट कार्यों, परवन वृह्द परियोजना, ईसरदा पेयजल परियोजना, कालीतीर लिफ्ट परियोजना, अपर हाई लेवल कैनाल, पीपलखूंट हाई लेवल कैनाल परियोजना, सेई और साबरमती नदी पर बांध निर्माण कार्यों की विस्तृत समीक्षा की। साथ ही, देवास तृतीय एवं चतुर्थ परियोजना, इंदिरा गांधी नहर परियोजना में जलाशयों के निर्माण, रेगिस्तान क्षेत्र में राजस्थान जल क्षेत्र पुनः संरचना परियोजना, राजस्थान जल क्षेत्र आजीविका सुधार परियोजना, बांध पुनर्वास एवं सुधार परियोजना सहित विभिन्न कार्यों की समीक्षा कर दिशा-निर्देश दिए।
बैठक में संशोधित पार्वती-कालीसिंध-चम्बल लिंक परियोजना में निर्माण कार्य स्थिति पर विशेष चर्चा हुई। जल संसाधन मंत्री ने कहा कि यह परियोजना राज्य के जल संसाधन परिदृश्य को बदलने वाली है। इसलिए इसमें किसी भी स्तर पर लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। इस दौरान अधिकारियों ने परियोजना के चरणबद्ध कार्यों की प्रगति से अवगत करवाया।
बैठक में अतिरिक्त मुख्य सचिव, जल संसाधन अभय कुमार ने अभियंताओं को कार्यों में गति लाने के लिए दिशा-निर्देश दिए। बैठक में मुख्य अभियंता व अतिरिक्त सचिव भुवन भास्कर, मुख्य अभियंता अमरजीत सिंह मेहरड़ा सहित विभागीय वरिष्ठ अभियंता मौजूद रहे, वीसी के जरिए भी अभियंता शामिल हुए।
बैठक से पहले मंत्री रावत ने परिसर में निर्जला एकादशी पर आमजन और कार्मिकों को शर्बत पिलाया।
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