धौलपुर। जिला कारागार में पुरुष बंदियों की क्लीनिकल साइक्लॉजिस्ट एवं मोटिवेशनल स्पीकर डॉ साहिल त्रिवेदी ने काउंसिलिंग की। उन्होंने बंदियों में आत्मविश्वास भरने के लिए उनसे संवाद करते हुए कहा कि आज का समय तेजी से गतिमान है। पुरानी बातों को याद रखने के लिए समय नहीं है। बदलाव अवश्य होगा बस कोशिश ईमानदार होनी चाहिए। हम चाहे तो सब कुछ संभव है। जरा सोचकर देखो कि एक पल का फैसला इंसान की जिंदगी को कहाँ से कहाँ ले आता है। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
अगर हम सकारात्मक सोच रखकर जीवन भर उस पर अटल रहें तो हम कहाँ से कहाँ जा सकते हैं। उन्होंने आगे कहा कि कई बार न चाहते हुए भी हमें विपरीत परिस्थितियों में आना पड़ता है। लेकिन, हमें एक चीज याद रखनी चाहिए बुरा समय हमें पहले के मुकाबले अधिक मजबूत करने के लिए आता है। आवश्यकता ही अविष्कार की जननी है। इसी सिद्धांत पर चलते हुए हम परिस्थितयों के अनुसार स्वयं को मजबूत कर सकते हैं।
डॉ साहिल त्रिवेदी इससे पहले महिला बंदियों को भी संबोधित कर चुकी हैं। जेल अधिकारी रामवतार शर्मा, जेलर सुरेश शर्मा और डॉक्टर दीपेश अग्रवाल भी इस दौरान मौजूद रहे। इस मौके पर बंदियों ने भी डॉ साहिल त्रिवेदी को ध्यानपूर्वक सुना। इस बात के लिए आश्वस्त किया कि निश्चित रूप से वह भविष्य में उनकी बातों का अनुसरण करेंगे।
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