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बाल विकास को मिलेगा नया आयाम: वेदांता के नंदघर ने जॉन स्नो इंक. और रॉकेट लर्निंग के साथ की साझेदारी
khaskhabar.com: शुक्रवार, 30 मई 2025 4:49 PM
धौलपुर। राजस्थान के धौलपुर जिले में आंगनवाड़ी केंद्रों पर प्रारंभिक बाल विकास को रूपांतरित करने के उद्देश्य से, वेदांता की प्रमुख सीएसआर पहल 'नंद घर' ने जॉन स्नो इंक. (जेएसआई) आर एंड टी इंडिया फाउंडेशन और रॉकेट लर्निंग के साथ एक रणनीतिक साझेदारी की औपचारिक घोषणा की है। यह साझेदारी 'प्रोजेक्ट बालवर्धन' के तहत की गई है, जिसका लक्ष्य राजस्थान में नंद घरों के माध्यम से प्रारंभिक बाल शिक्षा, स्वास्थ्य और पोषण को सुदृढ़ करना है।
वेदांता के नंद घर पारंपरिक आंगनवाड़ियों को आधुनिक केंद्रों में बदल रहे हैं। ये केंद्र स्मार्ट शिक्षा उपकरणों, 'बाला' (बिल्डिंग एज लर्निंग एड) डिज़ाइन, एलईडी टीवी और बच्चों के अनुकूल ढांचे से सुसज्जित हैं, जिससे 3-6 वर्ष के बच्चों के लिए एक आकर्षक और सुरक्षित सीखने का वातावरण तैयार होता है। शिक्षा के साथ-साथ, नंद घरों में बच्चों और माताओं को पोषक आहार, स्वास्थ्य सेवाएं और पोषण सहायता भी प्रदान की जाती है। इसके अलावा, महिलाओं को कौशल विकास कार्यक्रमों के माध्यम से सशक्त किया जाता है, जिससे आजीविका और समुदाय का समग्र विकास सुनिश्चित हो सके।
अनिल अग्रवाल फाउंडेशन द्वारा शुरू की गई 'प्रोजेक्ट बालवर्धन' का मुख्य उद्देश्य बच्चों में कुपोषण से लड़ना और आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं की क्षमता को बढ़ाना है। राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण-5 (NFHS-5) के अनुसार, राजस्थान में 5 वर्ष से कम उम्र के 31.8% बच्चे स्टंटिंग (उम्र के हिसाब से कम कद) और 16.8% बच्चे वेस्टिंग (कद के हिसाब से कम वज़न) का शिकार हैं।
इस परियोजना के माध्यम से, धौलपुर, राजस्थान में 800 से अधिक आंगनवाड़ी केंद्रों को नंद घर में बदला जाएगा, जिससे 80,000 से अधिक बच्चों और 14,000 महिलाओं को सीधे लाभ मिलेगा, और कुल मिलाकर 1,00,000 से अधिक समुदाय के लोगों के जीवन पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।
यह पहल एक व्यापक 360-डिग्री प्रणालीगत दृष्टिकोण अपनाएगी, जो प्रारंभिक बचपन देखभाल और शिक्षा (ईसीसीई) को मजबूत करने, सभी प्रकार के कुपोषण से निपटने, और आईसीडीएस राजस्थान के दिशा-निर्देशों के अनुसार गुणवत्तापूर्ण पूरक पोषण सुनिश्चित करने पर केंद्रित है।
स्वास्थ्य और पोषण की स्थिति में दीर्घकालिक और स्थायी प्रभाव सुनिश्चित करने के लिए व्यवहार परिवर्तन पद्धतियों पर विशेष बल दिया जाएगा। जेएसआई और रॉकेट लर्निंग के साथ इस रणनीतिक सहयोग के माध्यम से, नंद घर पोषण, स्वास्थ्य और शिक्षा हस्तक्षेपों के लिए एक मजबूत आधार बनाएगा, जिससे स्थायित्व, मापनीयता और सामुदायिक भागीदारी पर आधारित एक समग्र विकास मॉडल का निर्माण होगा।
नंद घर के सीईओ, शशि अरोड़ा ने इस कार्यक्रम के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दोहराते हुए कहा, "नंद घर में हमारा विश्वास है कि असली बदलाव जड़ों से शुरू होता है। प्रोजेक्ट बालवर्धन बच्चों में कुपोषण से लड़ने और आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को सशक्त करने की हमारी प्रतिबद्धता का एक महत्वपूर्ण कदम है।" उन्होंने राजस्थान सरकार, जेएसआई और रॉकेट लर्निंग के साथ मिलकर इस बदलाव को जमीनी स्तर से संचालित करने और आने वाली पीढ़ियों के लिए एक सुरक्षित भविष्य बनाने की प्रतिबद्धता व्यक्त की।
साझेदार संगठनों की भूमिका: जेएसआई: 6 वर्ष से कम उम्र के बच्चों की पोषण स्थिति में सुधार, आंगनवाड़ी सेवाओं के बुनियादी ढांचे का उन्नयन, डिजिटल ग्रोथ मॉनिटरिंग और वैज्ञानिक पद्धतियों पर आधारित मातृ पोषण जागरूकता बढ़ाने पर कार्य करेगा। ये प्रयास बच्चों, गर्भवती महिलाओं और स्तनपान कराने वाली माताओं को सीधे लाभ पहुंचाएंगे।
रॉकेट लर्निंग: आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को उच्च गुणवत्ता वाली प्रारंभिक बाल देखभाल और शिक्षा (ईसीसीई) प्रदान करने में सक्षम बनाएगा। यह बच्चों की उपस्थिति और भागीदारी को बढ़ाने, राज्य-आधारित शैक्षणिक सामग्री विकसित करने और आधुनिक शिक्षण विधियों में प्रशिक्षण के माध्यम से प्राप्त किया जाएगा।
जेएसआई और रॉकेट लर्निंग, आईसीडीएस राजस्थान के सहयोग से, मातृ और शिशु स्वास्थ्य, पोषण और ईसीसीई में अपने गहन अनुभव के साथ मिलकर आंगनवाड़ी सेवाओं में एक परिवर्तनकारी युग की शुरुआत कर रहे हैं।
यह परियोजना उप-मुख्यमंत्री और महिला एवं बाल विकास मंत्री, राजस्थान, दीया कुमारी के आशीर्वाद से कार्यान्वित की जा रही है, जो बाल कल्याण और ग्रामीण विकास के प्रति सरकार की मजबूत प्रतिबद्धता को दर्शाता है। 'प्रोजेक्ट बालवर्धन' साझेदारी से संचालित, समुदाय से प्रेरित और स्थायित्व में निहित एक सहयोगात्मक प्रभाव का प्रतीक है।
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