शिमला। हिमाचल सरकार ने पहाड़ी गांधी बाबा कांशी राम के पैतृक घर का अधिग्रहण करने तथा इसे एक विरास्त स्मारक में बदलने का निर्णय लिया है। यह जानकारी मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने आज दी। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार पहाड़ी गांधी के नाम से लोकप्रिय बाबा कांशी राम के पैतृक आवास का अधिग्रहण करेगी। राज्य सरकार ने बाबा कांशी राम की 11 जुलाई को 135वीं जयंती के अवसर पर उनके घर का अधिग्रहण करने, इसका सरंक्षण तथा उनकी स्मृति में एक स्मारक बनाने का निर्णय लिया है। कांगड़ा जिला के देहरा उप-मंडल के डाडासीबा में जन्मे बाबा कांशी राम महात्मा गांधी के महान प्रशंसक तथा आजादी के प्रवर्तक थे। जलियांवाला बाग हत्याकांड के उपरांत उन्होंने महात्मा गांधी के संदेश को उनकी कविताओं व गीतों के माध्यम से पहाड़ी भाषा में प्रसारित किया।
महात्मा गांधी के संदेश का उनपर गहरा प्रभाव था। उन्होंने कसम खाई थी कि जब तक भारतवर्ष आजाद नहीं हो जाता, तब तक वह काले कपड़े ही धारण करेंगे। पहाड़ी कविताओं और छंदों के माध्यम से ब्रिटिश राज के विरूद्ध देशभक्ति का संदेश फैलाने के लिए उन्हें 11 बार गिरफ्तार किया गया और उन्होंने अपने जीवन के लगभग 9 वर्ष विभिन्न जेलों में बिताए। पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने भी वर्ष 1984 में बाबा कांशी राम के नाम पर डाक टिकट जारी किया था।
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