झज्जर। महर्षि दयानंद यूनिवर्सिटी, रोहतक को वैसे तो आप ने कई बार सुर्खियो
में देखा गया है। लेकिन अब यूनिवर्सिटी की कार्यशैली पर सवाल खडे़ होने
लगे हैं। इस बार झज्जर की बीटेक की होनदार छात्रा को पास करने की बजाए
मुन्ना भाइयों को पास किए जाने के आरोप हैं। ये आरोप होनहार पीडि़त छात्रा व
उसके माता-पिता ने लगाए हैं।
फतेहपुरी सीबीएस इंस्टीट्यूट में बीटेक कर रही झज्जर की दिव्या ने 12 जनवरी
2016 को ऑप्टिकल कंप्यूटर का पेपर पूरी तैयारी के साथ दिया। उसने पेपर की सभी आंसरशीट भरी थी, लेकिन जब 20 मई को एमडीयू द्वारा रिजल्ट
घोषित किया गया तो उसमें दिव्या को मात्र 3 अंक देकर फेल कर दिया गया।
कॉलेज
में हर सेमेस्टर में टॉपर रही दिव्या ने छठे सेमेस्टर में 75 प्रतिशत अंक प्राप्त किए, लेकिन 7वें सेमेस्टर के ऑप्टिकल कंप्यूटर पेपर में 100 में से 3 नंबर आने के बाद दिव्या रात भर रोती रही। बेटी के साथ माता-पिता को भी गहरा सदमा लगा। दिव्या वाकये से इस कदर सदमे में आई कि उसका एक माह तक इलाज चला। बेटी के साथ यह अन्याय देखकर
माता-पिता ने मोर्चा खोला। उन्हाेंने आरटीआई लगाई और अपनी बेटी की ऑरिजनल आंसरशीट
मांगी। इसके साथ ही मामले की जांच कराने के लिए सीएम, राज्यपाल से लेकर पीएमओ तक पत्राचार किया। मामले की जांच की गई। जिसके बाद खुलासा हुआ कि उनकी आंसरशीट के 25 से ज्यादा पन्ने
निकालकर किसी अन्य छात्र की आंशरशीट में लगाए गए हैं और दिव्या की आंसरशीट
में खाली पन्ने लगा दिए गए। हालांकि पूरी जांच के बाद छात्रा को एमडीयू ने 54 नंबर
देकर पास किया। वहीं, छात्रा ने दोबारा पेपर देकर 67 नंबर हासिल किए। लेकिन
जो आरोपी छात्र हैं जिसकी आंसरशीट में दिव्या की आंसरशीट के पन्ने मिले थे।
उस पर कोई भी कार्रवाही नहीं हुई है। दरसअल आरोपी छात्र भी झज्जर का ही
रहने वाला है।
अब सवाल यह उठता है कि महर्षि दयानंद यूनिवर्सिटी, रोहतक में यह
धंधा कौनसा गिरोह कर रहा है। क्योंकि इस गिरोह में न केवल कर्मचारी बल्कि
अधिकारी भी शामिल हैं। जो इस तरह से होनहार छात्रों को पास करने की बजाए मुन्ना
भाइयों को पास कराने में लगे हैं। ये ऐसा पहला मामला नही है इससे पहले भी इस
तरह की मामले सामने आ चुके हैं। इस पूरे प्रकरण में न केवल एमडीयू बल्कि
सीबीएस कालेज प्रबंधन भी शामिल पाया जा सकता है।
सूत्रो से पता चला था कि ये पूरा मामला 60 हजार
रूपये में तय हुआ था। लेकिन अभी तक आरोपी छात्र व यह पूरा गिरोह अभी भी
खुली हवा में सांस ले रहा है। जिस पर अभी तक कोई कार्रवाही नही हो पाई है।
हालांकि पुलिस ने इस मामले में कमल नामक छात्र व कालेज के दो पूर्व
कर्मियों पर केस दर्ज कर लिया है। लेकिन अभी उनको गिरफ्तार नहीं किया है।
जिससे सवाल ये खडा होता है कि इतना समय बीत जाने के बावजूद भी कोई
कार्रवाही अमल में क्यो नहीं लाई जा रही है। आखिर क्यों पुलिस अभी तक इस
पूरे मामले की तय तक नही पहुंच पाई।
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