चंडीगढ़। हरियाणा में कांग्रेस पार्टी की राजनीति एक बार फिर गरमा गई है। पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री कैप्टन अजय सिंह यादव को ओबीसी विभाग के चेयरमैन पद से हटा दिया गया है, जो अब चर्चा का विषय बन गए हैं। उनकी जगह अब डॉ. अनिल जयहिंद को यह जिम्मेदारी सौंपी गई है। हालांकि, कांग्रेस के गुजरात अधिवेशन के बाद संगठनात्मक बदलाव के तहत यह पदभार संभाला गया है, लेकिन अजय यादव की नाराजगी भरी टिप्पणियों ने इसे 'नियमित बदलाव' से कहीं बड़ी चिंता का विषय बना दिया है।
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तीन साल तक इस महत्वपूर्ण पद पर
कैप्टन अजय यादव तीन साल दो महीने से इस पद पर कार्यरत थे। ओबीसी विभाग के प्रमुख के तौर पर उन्होंने पार्टी के अंदर पिछड़े वर्ग को जोड़ने और सशक्त बनाने की भरपूर कोशिश की। इस अचानक बदलाव से राजनीतिक गलियारों में हलचल मच गई है।
सोशल मीडिया पर निकाली भड़ास
कैप्टन यादव ने पद से हटाए जाने के तुरंत बाद सोशल मीडिया पर अपनी नाराजगी जाहिर की। उन्होंने लिखा:"हालांकि कुछ नेताओं ने मुझे अक्षम साबित करने की कोशिश की, लेकिन मैंने पूरी प्रतिबद्धता और ईमानदारी के साथ काम किया।" यहां मुझ पर हमला हो रहा है- एक प्रेस कॉन्फ्रेंस होने वाली है, जिसमें मैं इन चेहरों को उजागर करूंगा। बाद में उन्होंने वह पोस्ट हटा दी, लेकिन तब तक वह वायरल हो चुकी थी।
राजनीतिक संकेत
राजनीतिक विशेषज्ञ इस बदलाव को महज संगठनात्मक बदलाव नहीं मानते। उन्हें लगता है कि कांग्रेस आलाकमान हरियाणा में अंदरूनी कलह को दूर करने की कोशिश कर रहा है। पार्टी को उम्मीद है कि संगठन के पुराने सदस्य डॉ. अनिल जयहिंद को आगे लाकर वह ओबीसी वर्ग में अपनी पकड़ मजबूत करेगी।
कैप्टन यादव राजनीतिक क़द
कांग्रेस के पुराने और भरोसेमंद प्रतिनिधियों में से एक कैप्टन अजय यादव हैं। हरियाणा की राजनीति में कई बार वे मंत्री रह चुके हैं और सामाजिक न्याय के मुद्दों पर मुखर रहे हैं। वे बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव के समधी भी हैं और इससे उनकी राजनीतिक ताकत और बढ़ जाती है।
इसके बाद क्या होगा?
सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि क्या अजय यादव पार्टी के अंदर इस फैसले को संबोधित करेंगे या निकट भविष्य में विद्रोह बढ़ेगा? क्या वे प्रेस कॉन्फ्रेंस करेंगे और संगठन में चल रही "साजिशों" का पर्दाफाश करेंगे? कांग्रेस के लिए यह एक संवेदनशील समय है- एक तो संस्था को मजबूत करना होगा, दूसरी तरफ वरिष्ठ पदाधिकारियों के असंतोष को भी संभालना होगा।
बदलाव की राजनीति और नेतृत्व की मुश्किलें हरियाणा कांग्रेस ओबीसी अध्यक्ष पद से अजय यादव का इस्तीफा सिर्फ आधिकारिक पद में बदलाव से कहीं ज्यादा है; यह एक शक्तिशाली बयान है। यह बदलाव संगठनात्मक असंतोष की झलक तो दिखाता ही है, साथ ही पार्टी की रणनीतिक सोच को भी दर्शाता है। हम डॉ. अनिल जयहिंद के घटनाक्रम पर नज़र रखने और यह देखने के लिए उत्सुक होंगे कि क्या अजय यादव अगले कुछ दिनों में अपने आरोपों को सार्वजनिक रूप से उजागर करते हैं।
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