गोशाला
जिस स्थान पर गायों को रखा जाता है, उसे गोशाला कहते हैं। गोशाला भी मंदिर
के समान पवित्र और पूजनीय होती है। जो मनुष्य रोज गोशाला जाकर गायों की
सेवा करता है, उसे निश्तिच ही भगवान कृष्ण के धाम गोलोक की प्राप्ति होती
है। जो मनुष्य परिस्थितियों की वजह से गोशाला में सेवा न भी कर सके, वह अगर
पवित्र मन से गोशाला के दर्शन मात्र कर ले तो भी उसे पुण्य की प्राप्ति हो
जाती है। ये भी पढ़ें - दुर्भाग्य बदल जाएगा सौभाग्य में, अपनाए ये 7 टोटके
पकी हुई खेती
फसलों से भरे हुए खेत देखना हर किसी को पसंद होता है। हरे-भरे खेतों को
देखकर मन को शांति मिलती है। फसलों से भरे हुए खेत केवल सुंदरता ही नहीं
पुण्य के भी प्रतीक होते हैं। गरुड़ पुराण के अनुसार, पकी हुई फसलों से भरे
हुए खेत को देखने से मनुष्य पुण्य और लाभ मिलता है।
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