हमारे ग्रंथ पुराणों आदि में वास्तु एवं ज्योतिष से संबंधित रहस्यों तथा उसके सदुपयोग सम्बंधी ज्ञान का अथाह समुद्र व्याप्त है। जिसके सिद्धान्तों पर चलकर मनुष्य अपने जीवन को सुखी, समृद्ध, शक्तिशाली और निरोगी बना सकता है। प्रभु की भक्ति में लीन रहते हुए उसके बताये मार्ग पर चलकर वास्तुसम्मत निर्माण में रहकर और वास्तुविषयक जरूरी बातों को जीवन में अपनाकर मनुष्य अपने जीवन को सुखी व सम्पन्न बना सकता है।
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