संयुक्त राष्ट्र के मानवीय मामलों के समन्वय कार्यालय (OCHA) ने कहा कि ग़ाज़ा में सहायता सामग्री के प्रवेश पर इसराइल द्वारा लगाई गई विनाशकारी नाकाबन्दी के दो महीने के बाद, भोजन सामग्रियाँ ख़त्म हो गई हैं और लोगों को इसराइल द्वारा लगातार की जा रही बमबारी के बीच, पानी हासिल करने के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है. इस नाकाबन्दी से बड़े पैमाने पर भुखमरी के हालात बनने की आशंका व्यक्त की गई है. OCHA प्रवक्ता ओल्गा चेरेवको ने शुक्रवार को ग़ाज़ा से बात करते हुए, जिनीवा में पत्रकारों को बताया कि उनके एक मित्र ने “कुछ दिन पहले विस्फोटों से लोगों को जलते हुए देखा था – और उन्हें बचाने के लिए पानी भी उपलब्ध नहीं हो सका था.”ग़ौरतलब है कि इसराइल ने, युद्धग्रस्त ग़ाज़ा पट्टी में दाख़िल होने के लिए रास्ता देने वाली सभी सीमा चौकियों को मार्च में बन्द कर दिया था जिसके कारण “स्थिति बेहद ख़राब” है.प्रवक्ता ओल्गा चेरेवको ने कहा: युद्ध जारी रहने के दौरान, सहायता सामग्री की आपूर्ति कम होती जा रही है.उन्होंने जिनीवा में पत्रकारों से कहा, “खाद्य भंडार अब मुख्य रूप से ख़त्म हो चुके हैं, पानी तक पहुँच असम्भव हो गई है.”एक अनुभवी सहायता कर्मी ओल्गा चेरेवको जिस समय यह जानकारी दे रही थीं तो उन्होंने कहा कि उनकी इमारत के ज़मीनी हिस्से में, पानी तक पहुँच हासिल करने के लिए “बहुत हिंसक लड़ाई” हो रही थी, जिसमें लोग, वहाँ से दूर जाते हुए पानी के ट्रक पर पत्थर फेंक रहे थे और गोलियाँ चला रहे थे.बचपन छिन गया © WFP OCHA प्रवक्ता ने कहा कि वह हर दिन ऐसे बच्चों को देख रही हैं, जो "कई महीनों से अपने बचपन से वंचित हो चुके हैं" और बुज़ुर्ग लोग, ईंधन के अभाव में भोजन सामग्री और खाना पकाने के लिए, ईंधन की तलाश में "कचरे के ढेर में खोजबीन कर रहे हैं".उन्होंने गुरूवार को ग़ाज़ा शहर के एक बाल चिकित्सा अस्पताल –रोगी मित्र अस्पताल (Patient Friend Hospital) के दौरे के दौरान पाया कि उस अस्पताल में कुपोषण दरें बढ़ने की ख़बरें मिली हैं. उस अस्पताल, युद्ध के दौरान कई बार हमला किया गया है.ओल्गा चेरेवको ने ज़ोर देकर कहा, "अस्पतालों में रक्त की उपलब्धता ख़त्म होने की सूचना है, क्योंकि बड़े पैमाने पर हताहतों का आना जारी है," जबकि क़ीमती ईंधन की उपलब्धता को भी सीमित किया जा रहा है.ख़ाली हो जाने के निकटउन्होंने कहा, "ग़ाज़ा ख़ाली होने के निकट पहुँच रहा है."संयुक्त राष्ट्र के मानवतावादी कार्यकर्ता और संगठन, इसराइली अधिकारियों के साथ "लगातार सम्पर्क में" हैं और सीमा चौकियों को फिर से खोले जाने की पैरोकारी कर रहे हैं.ओल्गा चेरेवको ने कहा, "हमारे पास ऐसी व्यवस्था है जो सहायता सागग्री के भटकाव को कम करते हैं [और] यह सुनिश्चित कर सकते हैं कि सहायता सामग्री उन लोगों तक पहुँचे, जिन तक इसे पहुँचाना है."उन्होंने ज़ोर देकर कहा, "जैसे ही सीमाचौकी फिर से खुलेंगी, हम बड़े पैमाने पर सहायता सामग्री की आपूर्ति फिर से शुरू करने के लिए तैयार हैं." © UNRWA "हम अपने सिद्धान्तों पर क़ायम रहने और लोगों की पीड़ा को दूर करने के अपने वादे पर क़ायम हैं, चाहे वे कहीं भी हों."संयुक्त राष्ट्र के शीर्ष मानवीय अधिकारी और OCHA के प्रमुख टॉम फ़्लैचर ने गुरूवार को इसराइली अधिकारियों से अपील करते हुए कहा था, "इस क्रूर नाकाबन्दी को हटाएँ. मानवतावादियों को जीवन बचाने दें”.टॉम फ़्लैचर ने 7 अक्टूबर 2023 को हमास द्वारा बन्धक बनाए गए लोगों की रिहाई की तत्काल आवश्यकता दोहराई, जिन्हें “कभी भी उनके परिवारों से नहीं छीना जाना चाहिए था”.उन्होंने इस बात पर भी ज़ोर दिया कि “सहायता सामग्री, और इससे बचाए गए जीवन, कभी भी सौदेबाज़ी का विषय नहीं होने चाहिए”.पीढ़ीगत भयावहताओल्गा चेरेवको ने कहा कि पिछले डेढ़ महीने में, 4 लाख 20 हज़ार लोगों को “एक बार फिर भागने के लिए मजबूर होना पड़ा है, उनमें से बहुत से लोगों के पास केवल पहने हुए कपड़े थे, लोगों को रास्ते में गोली मारी गई है, लोग भीड़भाड़ वाले आश्रय स्थलों में पनाह लेने को विवश हैं क्योंकि शिविर और जहाँ लोग सुरक्षा चाहते हैं इन स्थानों पर बमबारी की जा रही है”.उन्होंने कहा, “मुझे चिन्ता है कि आज से 5, 10, 20 साल बाद, हम अपने बच्चों और नाती-नातिनों के सामने शर्मिन्दा होंगे और हम उन्हें यह नहीं समझा पाएंगे कि हम इस भीषण स्थिति को क्यों नहीं रोक पाए.”“बहुत देर हो जाने से पहले, अभी और कितना रक्त बहेगा?”
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