बलवंत तक्षक, चंडीगढ़। हरियाणा के नेताओं की ग्रहदशा खराब चल रही है। नजर
उतारने के सारे प्रयास विफल साबित हो रहे हैं। बचाव के तमाम प्रयासों के
बावजूद उनके लिए जेल के दरवाजे खुल रहे हैं। ताजा मामला पूर्व मुख्य संसदीय
सचिव (सीपीएस) रामकिशन गुर्जर का है।
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गुर्जर और उनके दो साथियों को अदालत
ने चार-चार साल की सजा सुनाई है। एक पत्रकार को आत्महत्या के लिए मजबूर
करने के मामले में दो दिन पहले उन्हें दोषी करार दिया गया था, आज उन्हें
चार-चार साल की कैद, दस-दस हजार रुपए का जुर्माना और मृतक के परिजनों को
पांच-पांच लाख रुपए का मुआवजा देने की सजा सुनाई गई है।
मामला वर्ष 2009 का है। पत्रकार पंकज की मौत के बाद उनके
परिजनों ने मुख्य संसदीय सचिव रहते रामकिशन गुर्जर, अजित अग्रवाल और विजय
अग्रवाल के खिलाफ अदालत में मामला दायर किया था। आरोप थे कि इन लोगों ने
पंकज को आत्महत्या के लिए मजबूर किया। सजा सुनाये जाने के मौके पर नारायणगढ़
क्षेत्र से लगातार दो बार कांग्रेस विधायक रहे रामकिशन गुर्जर मौन रहे। अब
गुर्जर और उनके साथी इस फैसले के खिलाफ जल्दी ही पंजाब व हरियाणा का
दरवाजा खटखटाएंगे।पूर्व विधानसभा अध्यक्ष को भी हो चुकी है सजा
इससे पहले अदालत हरियाणा के पूर्व विधानसभा अध्यक्ष सतबीर
सिंह कादियान को भी चार साल की सजा सुना चुकी है। चेयरमैन रहते सरकारी पैसे
को गलत तरीके से निवेश करने के मामले में उनके खिलाफ सीबीआई ने जांच की
थी। कई साल चले इस मामले में अदालत ने उन्हें दोषी ठहराया और चार साल की
सजा दी। इंडियन नेशनल लोकदल(इनेलो)के नेता कादियान कई बार विधायक रहे हैं।पिता-पुत्र पहले ही जेल में है
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