जैसलमेर। राष्ट्रीय विधिक सेवा प्र्राधिकरण की योजना के अन्तर्गत जिले हेतु गठित संप्रेषण एवं किशोर गृह समिति ने मानसिक विमंदित पुनर्वास गृह जेठवाई रोड़ का निरीक्षण किया गया। निरीक्षण समिति की अध्यक्ष पूर्णिमा गौड़, मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट व सदस्य अरविन्द कुमार गोपा अधिवक्ता व सहायक निदेशक, समाज कल्याण विभाग हिम्मतसिंह कविया ने किया ।
निरीक्षण में समिति द्वारा गृहों में आवासित बालकों से संबंधित सभी व्यवस्थाओं जैसे भोजन व आहार, स्वच्छ पेयजल, साफ-सफाई, शिक्षा व चिकित्सा तथा बालकों के शारीरिक एवं मानसिक विकास से संबंधित सारी व्यवस्थाओं का जायजा लिया गया।
निरीक्षण के दौरान समिति द्वारा बच्चों की मैत्रीपूर्ण विधिक सेवाएं एवं उनके संरक्षण के लिए विधिक सेवा योजना पर विस्तृत चर्चा की गई। मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ने बताया कि संरक्षण व विकास प्रत्येक बालक का मूलभूत अधिकार है जो उन्हें आवश्यक रूप से मिलना चाहिए। यदि उन्हें पर्याप्त संरक्षण व विकास के पर्याप्त अवसर प्रदान नहीं किए जाएंगे तो उन्हें भविष्य में देश का जिम्मेदार नागरिक बनने का अवसर नहीं मिल सकेगा। प्रत्येक बच्चे के लिए विधिक सेवा सहित सभी अवसर खोले जाएं ताकि उनके व्यक्तित्व का समग्र विकास हो तथा उनकी क्षमता का शारीरिक, मानसिक, नैतिक व आध्यात्मिक विकास हो।
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