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भीलवाड़ा। देश-प्रदेश में गरीबी मिटाने और कुपोषण को दूर करने के लाखों दावे किए जाते हैं, लेकिन इसकी जमीनी हकीकत कुछ और ही है। ऐसा ही हाल भीलवाड़ा जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में गरीबी का है। जहां हर माह कई बच्चों को पौष्टिक आहार नहीं मिलने से कुपोषण पीडि़तों की संख्या बढ़ती जा रही है।
महात्मा गांधी चिकित्सालय के पीएमओ डॉ. एस.पी. आगीवाल ने कहा कि कुपोषण एक गंभीर समस्या है और यह गरीब अज्ञानता के चलते ग्रामीण क्षेत्रों में बढ़ रहा है। कुपोषण पौष्टिक आहार नहीं मिलने के कारण होता है। सरकार इसके लिए प्रयासरत है। इसके लिए चिकित्सालय में अलग से वार्ड बना रखा है। इसमें प्रत्येक कुपोषित बच्चे को 10 दिन रखा जाता है और उसे आवश्यक पौष्टिक तत्व युक्त भोजन दिया जाता है। इसके साथ ही उसके साथ आने वाले व्यक्ति को प्रतिदिन 100 रुपए भी दिए जाते हैं। जिससे उन्हें यहां रहने में कोई दिक्कत ना हो।
वहीं कुपोषण वार्ड इंचार्ज सैलोनी का कहना है कि अभी वार्ड में कुल 5 बच्चे भर्ती हैं। इन बच्चों को हर दो घंटे में दूध दिया जाता है। यहां बच्चों को 10 दिन रखा जाता है और उसके स्वास्थ्य की जांच की जाती है। उसके बाद भी बच्चों की समय-समय पर जानकारी परिजनों से ली जाती है।
जिला कलेक्टर महावीर प्रसाद शर्मा का कहना है कि चिकित्सालय में कुपोषण के बच्चों की संख्या बढ़ी है। यह गंभीर मामला है। जल्द ही इसके लिए कार्य योजना बनाकर आंगनबाड़ी केन्द्र के माध्यम से ग्रामीणों को जागरूक करने का प्रयास करेंगे।
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