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टोंक: कृषि मंडी में किसानों का धरना पांचवें दिन भी जारी, समाधान नहीं मिलने पर बड़े आंदोलन की चेतावनी
khaskhabar.com: शनिवार, 26 अप्रैल 2025 11:50 PM
टोंक। कृषि उपज मंडी परिसर में किसानों और ईसरदा बांध के विस्थापितों की समस्याओं को लेकर धरना शनिवार को लगातार पांचवें दिन भी जारी रहा। किसानों की मांगों पर अब तक कोई ठोस समाधान नहीं निकलने से आंदोलनकारी किसानों में नाराजगी बढ़ती जा रही है।
किसान युवा महापंचायत के प्रदेशाध्यक्ष रामेश्वर प्रसाद चौधरी ने प्रशासन को चेतावनी देते हुए कहा कि यदि जल्द समस्याओं का समाधान नहीं किया गया तो समरावता आंदोलन की तर्ज पर जिलेभर में उग्र आंदोलन छेड़ा जाएगा।
प्रशासनिक स्तर पर भी हलचल, लेकिन समाधान नहींचौधरी ने बताया कि शुक्रवार शाम टोंक SDM धरना स्थल पर पहुंचे थे और किसानों से वार्ता की थी, लेकिन बैठक बेनतीजा रही। इससे पहले DSP भी समझाइश के लिए पहुंचे थे, मगर वे भी बिना हल निकाले लौट गए। चौधरी ने वीडियो संदेश जारी कर कहा कि किसान शांति से आंदोलन कर रहे हैं, फिर भी उनकी समस्याओं की अनदेखी की जा रही है। यदि जल्द मांगें नहीं मानी गईं तो किसान ट्रैक्टर लेकर सड़कों पर उतरेंगे।
किसानों की मुख्य मांगे :नहरों की सफाई: बिसलपुर, गलवा, टोरडी सागर और मासी बांध की नहरों की सफाई तत्काल करवाई जाए।
अवरोधक हटाना: पोल्याड़ा के पास बीसलपुर बांध की दायीं नहर में बने पत्थरों के अवरोधक हटाए जाएं।
संरचना में बदलाव: बायीं नहर की संरचना बदलकर टेल क्षेत्र तक सिंचाई सुविधा सुनिश्चित की जाए।
विस्थापितों को मुआवजा: ईसरदा बांध विस्थापित किसानों को प्रति बीघा 11 लाख 80 हजार रुपये का मुआवजा दिया जाए।
आबादी क्षेत्र में सुविधाएं: बीसलपुर बांध विस्थापित सिवाय चक जमीन को आबादी घोषित कर मूलभूत सुविधाएं प्रदान की जाएं।
ईआरसीपी से जोड़ना: पीपलू और निवाई तहसील के सभी गांवों को नहर तंत्र से ईआरसीपी परियोजना के तहत जोड़ा जाए।
फसलों के खराबे की रिपोर्ट: 2024-25 की खरीफ फसलों में 75-100 प्रतिशत खराबे को वर्षा रिकॉर्ड के आधार पर रिपोर्ट बनाकर राज्य सरकार को भेजा जाए।
गौअभ्यारण्य का निर्माण: बनेठा से ककोड़ तक 10 हजार बीघा भूमि पर गौअभ्यारण्य स्थापित किया जाए।
मंडी अनियमितताओं पर कार्रवाई: निवाई कृषि उपज मंडी समिति सचिव द्वारा नियमों के खिलाफ 400-500 ग्राम वजन अधिक लेने वाले व्यापारियों पर सख्त कार्रवाई हो।
नए खरीद केंद्र खोले जाएं: न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर बनेठा, जोधपुरिया, डारडा हिन्द, सोड़ा, बरोल, निवारिया, पोल्याड़ा, नगर फोर्ट, गोठड़ा, जामडोली, गुन्सी, डागरथल, सुरेली और मेहंदवास में नए खरीद केंद्रों की स्थापना की जाए।
गलवा बांध का उद्देश्य: गलवा बांध का पानी फसलों के लिए उपयोग में लाया जाए, न कि निजी पावर प्लांट्स के लिए।
नहरों में पानी बढ़ाया जाए: बीसलपुर बांध से सिंचाई हेतु 8 टीएमसी के बजाय 9 टीएमसी पानी छोड़ा जाए।
धरना जारी, समाधान का इंतजारधरने पर बैठे किसान उम्मीद कर रहे हैं कि प्रशासन जल्द उनकी मांगों पर ठोस कदम उठाएगा। वहीं, आंदोलनकारियों ने चेताया है कि यदि समस्याओं का निराकरण नहीं किया गया, तो जिलेभर में व्यापक आंदोलन की रणनीति तैयार की जाएगी।
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