नई दिल्ली । हमारा शरीर दिन-रात काम करता है, और उसमें लिवर एक ऐसा अंग है जो बिना रुके कई जरूरी काम करता है। जैसे- खून साफ करना, खाना पचाना और शरीर को ताकत देना। लेकिन जब यही लिवर बीमार हो जाता है, तो पूरा शरीर कमजोर पड़ने लगता है। हेपेटाइटिस एक ऐसी बीमारी है, जिसमें लिवर में सूजन आ जाती है। शुरू में हमें इसके लक्षण पता भी नहीं चलते, और जब तक समझ में आता है, तब तक लिवर को काफी नुकसान हो चुका होता है। अगर समय रहते जानकारी हो, तो हेपेटाइटिस को रोका और ठीक किया जा सकता है। यह जानना बहुत जरूरी है कि यह बीमारी कैसे होती है, इसके लक्षण क्या हैं और इससे कैसे बचा जाए?
क्लीवलैंड क्लिनिक के मुताबिक, हेपेटाइटिस लिवर की सूजन को कहते हैं। यह बीमारी अधिकतर वायरल इंफेक्शन की वजह से होती है। इससे लिवर कैंसर, लिवर फेलियर और लिवर से संबंधित दूसरी कई बीमारियां हो सकती हैं। हेपेटाइटिस दो तरह का होता है: एक्यूट हेपेटाइटिस - इसमें लक्षण अचानक शुरू होते हैं। यह बीमारी छह महीने के अंदर ठीक हो जाती है। इसमें बुखार, थकान, पेट दर्द आदि कुछ दिनों या हफ्तों तक होते हैं और फिर ठीक हो जाते हैं। दूसरा क्रॉनिक हेपेटाइटिस - इसमें हेपेटाइटिस लंबे समय तक रहता है, यानी छह महीने से ज्यादा। यह धीरे-धीरे बिगड़ता जाता है और लिवर को नुकसान पहुंचा सकता है। अगर समय पर इलाज न हो तो यह लिवर फेलियर या लिवर कैंसर तक पहुंच सकता है। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
बात करें इसके लक्षण की, तो शुरू में हेपेटाइटिस के लक्षण धीरे-धीरे या बहुत हल्के हो सकते हैं, इसलिए तुरंत पता नहीं चलता। इसके आम लक्षण में दस्त, थकावट, कमजोरी, बुखार, मतली या भूख न लगना, पेट के दाईं ऊपरी तरफ दर्द शामिल हैं। वहीं, अगर हेपेटाइटिस लंबे समय से है, तो इसके गंभीर लक्षण हो सकते हैं, जिसमें भूलने लगना, नींद जैसा महसूस होना, पेशाब का रंग गहरा होना और मल का रंग हल्का होना, त्वचा पर खुजली होना, त्वचा या आंखों के सफेद हिस्से पर पीलापन आना आदि।
हेपेटाइटिस से बचने के लिए हमेशा उबला या फिल्टर शुद्ध पानी पिएं, बाहर का खुला खाना खाने से बचें। हेपेटाइटिस के लिए सुरक्षित और प्रभावी वैक्सीन उपलब्ध हैं। हेपेटाइटिस संक्रमित के संपर्क में हों तो उनके टूथब्रश, रेजर आदि चीजें साझा न करें। गर्भावस्था के दौरान महिलाओं की हेपेटाइटिस बी की जांच एवं संक्रमण की पुष्टि होने पर तत्काल उपचार कराएं और स्वच्छ व ताजा खाना खाएं। डॉक्टरों की सलाह पर ही डाइट और दवाइयां लें।
--आईएएनएस
सोने से पहले हल्दी वाला दूध पीने के जबरदस्त फायदे, डिप्रेशन समेत इन समस्याओं से मिलेगी राहत
रहना है स्वस्थ तो कुछ आदतों को कहें न, 'आदर्श आहार' अपनाने से होगा लाभ
देशी मधुमक्खियों का शहद बन सकता हैं एंटीबायोटिक का प्राकृतिक विकल्प
Daily Horoscope