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जयपुर। एमएसएमई सचिव नवीन महाजन ने बैंकोें को प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम में प्राथमिकता से ऋण वितरण को कहा है। उन्होंने कहा कि पीएमईजीपी के माध्यम से युवाओं को स्वरोजगार के अवसर उपलब्ध कराकर एंटरप्रोन्योर बनाया जा सकता है।
सचिव महाजन सोमवार को उद्योग भवन में पीएमईजीपी की राज्य स्तरीय निगरानी समिति की बैठक को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने बताया कि इस साल 3097 परियोजनाओं के माध्यम से 24776 लोगों के लिए रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने का लक्ष्य है। उन्होंने बताया कि इस योजना में इस वर्ष अब तक 745 परियोजनाओं में 22करोड़ 14 लाख की मार्जिन मनी के साथ ही 5747 रोजगार के अवसर सुलभ कराए जा चुके हैं।
महाजन ने बताया कि पीएमईजीपी योजना में खादी एवं ग्रामोद्योग आयोग भारत सरकार, राजस्थान खादी एवं ग्रामोद्योग बोर्ड और जिला उद्योग केन्द्रों के माध्यम से परियोजनाएं स्वीकृत कर ऋण उपलब्ध कराया जाता है। उन्होंने बताया कि इस योजना में अधिकतम 25 लाख रु. तक का अनुदानित ऋण बैंकों के माध्यम से वितरित किया जाता है और ऋणियोें को प्रशिक्षण भी दिया जाता है। अतिरिक्त निदेशक डीसी गुप्ता ने बताया कि गत वित्तीय वर्ष में 1577 परियोजनाएं स्वीकृत कर 10518 रोजगार सृजन किया गया है।
खादी एवं ग्रामोद्योग आयोग के क्षेत्रीय निदेशक एके गर्ग ने बताया कि गत वित्तीय वर्ष में जिला उद्योग केन्द्रों द्वारा लक्ष्य से अधिक उपलब्धि अर्जित की गई है वहीं बैंक ऑफ बडौदा, सेन्ट्रल बैंक ऑफ इण्डिया सहित कुछ बैंकों ने ऋण वितरण में सराहनीय कार्य किया है।
बैठक में उप निदेशक रवीश कुमार ने विस्तार से प्रगति से अवगत कराया। बैठक में बैंकों सहित संबंधित विभागों के अधिकारियों ने हिस्सा लिया।
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