जयपुर। प्रदेश की उच्च शिक्षा मंत्रीकिरण माहेश्वरी ने शुक्रवार को राज्य विधानसभा में कहा कि राज्य के 289 उपखंडों में से सिर्फ 21 उपखंड ऎसे हैं, जहां न तो निजी महाविद्यालय है और न ही राजकीय महाविद्यालय। ऎसे उपखंडों में सरकार प्राथमिकता के आधार पर नए महाविद्यालय खोलेगी। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
माहेश्वरी प्रश्नकाल में विधायकों द्वारा पूछे पूरक प्रश्नों का उत्तर दे रही थी। उन्होंने कहा कि सरकार प्रदेश के छात्र-छात्राओं को गुणवत्तायुक्त शिक्षा देने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि नियमों के अनुसार 30 किलोमीटर की परिधि में किसी राजकीय और निजी महाविद्यालय होने पर कोई और महाविद्यालय खोलना प्रस्तावित नहीं है।
उन्होंने कहा कि विराटनगर और पावटा दोनों के आस-पास इस परिधि में कन्या महाविद्यालय और सर्वशिक्षा महाविद्यालय हैं। ऎसे में वित्तीय संसाधनों की उपलब्धता के आधार पर सहानुभूतिपूर्वक विचार किया जाएगा। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार अनुसूचित जाति-अनुसूचित जनजाति के छात्रों के प्रति पूरी तरह संवेदनशील है। उन्होंने कहा कि खैरथल और किशनगढ़बास में भी सरकार आवश्यकतानुसार महाविद्यालय खोलने पर विचार करेगी।
इससे पहले विधायक फूल चंद भिण्डा के मूल प्रश्न के जवाब में माहेश्वरी ने प्रदेश में नए राजकीय महाविद्यालय खोलने के निर्धारित मानदंडों की प्रति भी सदन के मेज पर रखी। उन्होंने बताया कि विराटनगर एवं पावटा में एक भी सरकारी महाविद्यालय संचालित नहीं है। वर्तमान में उपखण्ड विराटनगर में 5 तथा पावटा में 5 निजी महाविद्यालय संचालित है। निर्धारित मानदण्डों के पूर्ण होने और संसाधनों की उपलब्धता व गुणावगुण के आधार पर विराटनगर एवं पावटा में राजकीय महाविद्यालय खोले जाने पर विचार किया जा सकेगा।
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